वित्त वर्ष के अंतिम दिन भी अधिकारी GST जमा कराने में लगा रहे एड़ी-चोटी का जोर
GST: रविवार तक जितना ज्यादा से ज्यादा जीएसटी जमा हो पाया तो वह सोमवार को जारी होने वाले आंकड़े में शामिल हो सकेगा. नए वित्त वर्ष 2019-20 के लिये जीएसटी संग्रह लक्ष्य 13.71 लाख करोड़ रुपये रखा गया है.
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह के तय लक्ष्य को हासिल करने के लिये कर अधिकारी कंपनियों को वित्त वर्ष समाप्त होने से पहले जीएसटी जमा करने को प्रेरित कर रहे हैं ताकि उसकी गणना मार्च 2019 के कर संग्रह आंकड़ों में की जा सके. एक सरकारी अधिकारी ने इसकी जानकारी दी. मार्च महीने के जीएसटी संग्रह के आंकड़े सोमवार यानी 1 अप्रैल को जारी होने वाले हैं. चालू वित्त वर्ष की समाप्ति के मद्देनजर वित्त वर्ष के अंतिम दिन रविवार होने के बाद भी कर संग्रह कार्यालय एवं सरकारी लेनदेन करने वाली बैंक शाखाओं को खुला रखा गया है.
कर अधिकारी चाहते हैं कि यदि रविवार तक जितना ज्यादा से ज्यादा जीएसटी जमा हो पाया तो वह सोमवार को जारी होने वाले आंकड़े में शामिल हो सकेगा. नए वित्त वर्ष 2019-20 के लिये जीएसटी संग्रह लक्ष्य 13.71 लाख करोड़ रुपये रखा गया है.
अधिकारी ने कहा, ‘‘कर अधिकारी करदाताओं के साथ अच्छे संबंध का इस्तेमाल कर रहे हैं और उन्हें वित्त वर्ष के अंतिम महीने के अंत तक जीएसटी जमा करने को कह रहे हैं, ताकि 2018-19 के कर संग्रह लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके.’’ इसके अलावा कर अधिकारी पहले किये जा चुके ऑर्डर, जिनकी डिलीवरी बाद के महीनों में होने वाली है, के लिये भी निवेशकों को मार्च में ही जीएसटी भरने को प्रेरित कर रहे हैं. जीएसटी से पहले की कर व्यवस्था में भी वित्त वर्ष के अंतिम महीने में कर अधिकारी संग्रह का लक्ष्य पाने के लिये कंपनियों को इस तरह से प्रेरित करते रहे थे.
उल्लेखनीय है कि सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिये जीएसटी संग्रह का लक्ष्य 13.71 लाख करोड़ रुपये से घटाकर 11.47 लाख करोड़ रुपये कर दिया है. इस वित्त वर्ष के दौरान जीएसटी संग्रह पिछले साल अप्रैल में 1.03 लाख करोड़ रुपये, मई में 94,016 करोड़ रुपये, जून में 95,610 करोड़ रुपये, जुलाई में 96,483 करोड़ रुपये, अगस्त में 93,960 करोड़ रुपये, सितंबर में 94,442 करोड़ रुपये, अक्टूबर में 1,00,710 करोड़ रुपये, नवंबर में 97,637 करोड़ रुपये, दिसंबर में 94,725 करोड़ रुपये, जनवरी 2019 में 1.02 लाख करोड़ रुपये और फरवरी 2019 में 97,247 करोड़ रुपये रहा है.
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