देश के मैन्‍युफैक्‍चरिंग सेक्‍टर की गतिविधियों में अक्टूबर में वृद्धि दर्ज की गई. विनिर्माताओं ने अपना उत्पादन बढ़ाया, साथ ही रोजगार का स्तर भी बढ़ा है. गुरुवार को जारी एक मासिक सर्वेक्षण के अनुसार अक्टूबर में विनिर्माण क्षेत्र में वृद्धि की अहम वजह नए कारोबार ऑर्डर बढ़ना है. मैन्‍युफैक्‍चरिंग कंपनियों के परचेजिंग मैनेजरों के बीच किया जाने वाला मासिक सर्वेक्षण ‘निक्‍केई इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर इंडेक्स’ (PMI Index) अक्टूबर में 53.1 अंक रहा है. सितंबर में यह 52.2 अंक था.

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पीएमआई इंडेक्स का 50 अंक से ऊपर रहना कारोबारी गतिविधियों में विस्तार और 50 अंक से नीचे रहना उनमें संकुचन को दर्शाता है. यह लगातार 15वां महीना है जब मैन्‍युफैक्‍चरिंग सेक्‍टर की गतिविधियों में वृद्धि देखी गई है और मैन्‍युफैक्‍चरिंग पीएमआई इंडेक्स 50 अंक से ऊपर रहा है.

अक्टूबर में कंपनियों के नए ऑर्डरों और उत्पादन में पिछले चार महीनों में सबसे तेज वृद्धि दर्ज की गई है. अक्टूबर के दौरान नए ऑर्डर मिलने की वृद्धि दर जून के बाद सबसे तेज रही. इस सर्वे रिपोर्ट की लेखिका और आईएचएस मार्किट में प्रधान अर्थशास्त्री पॉलियाना डी लीमा ने कहा कि घरेलू और विदेश से मिलने वाले ऑर्डरों से मैन्‍युफैक्‍चरिंग सेक्‍टर की सभी गतिविधियों में विस्तार देखा गया है.

हालांकि, जुलाई के बाद निर्यात के ऑर्डर सबसे धीमी गति से बढ़े हैं लेकिन कुल मिलाकर नया काम साल की छमाही के बाद से अब तक की सबसे तेज गति से मिला है. बढ़ी मांग को पूरा करने के लिए विनिर्माताओं ने अक्टूबर में नई नियुक्तियां भी कीं. इस दौरान रोजगार निर्माण दिसंबर के बाद सबसे अधिक रहा.