New GST Rates: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने GST की नई दरों को लेकर हो रहे विवाद पर सफाई देते हुए कहा कि हाल ही में जीएसटी परिषद ने अपनी 47वीं बैठक में दाल, अनाज, आदि जैसे कई खाद्य पदार्थों पर जीएसटी लगाने के बाद लोगों में इसे लेकर बहुत सी भ्रांतियां हैं. इसे लेकर यह बात स्पष्ट करने की आवश्यकता है कि यह पहली बार नहीं है, जब खाने की इन वस्तुओं पर टैक्स लगाया गया है. इसी के साथ जीएसटी परिषद के इस फैसले में सभी राज्यों (गैर-भाजपा शासित राज्यों समेत) ने अपनी मंजूरी दी है.

पहली बार नहीं लगा टैक्स

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वित्त मंत्री ने ट्वीट्स की एक श्रृंखला में कहा कि यह पहली बार नहीं है, जब इन खाद्य पदार्थों पर टैक्स लगाया गया हो. राज्य जीएसटी के पहले भी इन खाद्य पदार्थों से काफी रेवेन्यू जेनरेट कर रहे थे. अकेले पंजाब ने खाद्यान्न पर टैक्स लगाकर 2,000 करोड़ रुपये और उत्तर प्रदेश ने 700 करोड़ रुपये का रेवेन्यू इकट्ठा किया था.

 

इसी बात को ध्यान में रखते हुए जब जीएसटी को लागू किया गया था, तो ब्रांडेड अनाज, दाल, आटे पर 5 फीसदी की दर से GST लागू किया गया था. बाद में इसे संशोधित करते हुए केवल उन्हीं खाद्य वस्तुओं पर टैक्स लगाया गयास जो रजिस्टर्ड ब्रांड के नाम से बेचे जाते हैं. हालांकि जल्द इस प्रोविजन का इस्तेमाल बड़े ब्रांड भी करने लगें, जिसके चलते इन वस्तुओं के जीएसटी कलेक्शन (GST Collection) में कमी देखी जाने लगी.

आटे-दाल आदि वस्तुओं में टैक्स चोरी की इन घटनाओं का उन इंडस्ट्री यूनियनों द्वारा विरोध किया गया जो ब्रांडेड सामानों पर GST का भुगतान कर रहे थे. उन्होंने इस चोरी को रोकने के लिए सभी पैकेज्ड वस्तुओं पर समान रूप से टैक्स लगाने के लिए सरकार से मांग की.

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इंडस्ट्री ने की शिकायत

इंडस्ट्री की इस मांग की जांच एक फिटमेंट कमेटी ने की, जिसमें राजस्थान, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, बिहार, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, हरियाणा और गुजरात के अधिकारी शामिल थे. कमेटी ने इस मुद्दे की जांच करते हुए टैक्स की चोरी को रोकने के लिए अपनी सिफारिशें भी दी.

वित्त मंत्री ने बताया कि इन्हीं सिफारिशों को देखते हुए जीएसटी परिषद (GST Council) ने अपना 47वीं बैठक में यह निर्णय लिया, जिसके बाद 18 जुलाई, 2022 से इन वस्तुओं पर GST लगाने के तौर तरीकों में बदलाव किया है. उन्होंने कहा कि 2-3 वस्तुओं को छोड़ दें, तो जीएसटी कवरेज में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

नियमों में हुआ ये बदलाव

वित्त मंत्री ने कहा कि नए जीएसटी के नियमों के मुताबिक, यह तय किया गया है कि लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट (Legal Metrology Act) के तहत आने वाले "प्री-पैकेज्ड और लेबल वाली वस्तुओं पर जीएसटी लगेगा. उदाहरण के लिए, दालें, अनाज जैसे चावल, गेहूं और आटा, आदि जैसी वस्तुओं पर पहले 5% जीएसटी लगता था जब ये ब्रांडेड और यूनिट कंटेनर में पैक किया जाता था. 18 जुलाई, 2022 से "प्री-पैकेज्ड और लेबल" होने पर इन वस्तुओं पर जीएसटी लगेगा.

इन्हें मिलेगी छूट

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इसके साथ इस बात को भी ध्यान में रखना चाहिए कि अगर कोई दुकानदार इन वस्तुओं को खुले में बिना किसी ब्रांडेड पैक के बेच रहा है, तो उसे GST से राहत मिल सकती है. इसी के साथ अगर वह आटा-दाल आदि वस्तुओं के 25 किलो से अधिक का पैक लाकर उसे खुले में बेचता है तो भी उसे GST से राहत मिलेगी.

 

सभी राज्यों की सहमति शामिल

वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी परिषद ने सर्वसम्मति से इस फैसले को लिया था. 28 जून, 2022 को चंडीगढ़ में आयोजित हुई GST Council की 47वीं बैठक में जब मंत्रियों के समूह द्वारा यह मुद्दा पेश किया गया था, तब सभी राज्य बैठक में मौजूद थे. उन्ंहोने आगे कहा कि गैर-भाजपा राज्यों (पंजाब, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल) सहित सभी राज्य इस निर्णय से सहमत थे. जीएसटी परिषद का यह फैसला एक बार फिर आम सहमति से हुआ है.