हर महीने गैस की प्राइसिंग तय होने से ONGC और Oil India जैसी कंपनियों पर कैसा असर होगा? पढ़ें रिपोर्ट
रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पुअर ने कहा कि गैस प्राइसिंग को लेकर नया फॉर्म्यूला लागू करन के कारण ONGC और ऑयल इंडिया जैसी कंपनियों की इनकम पर असर होगा. इनकी कमाई घट सकती है.
New Gas Pricing formula: गैस प्राइसिंग का फॉर्म्यूला तय करने के बाद अब हर महीने CNG, PNG गैस की कीमत तय की जाएगी. अभी भी LPG गैस की कीमत हर महीने तय की जाती है. S&P रेटिंग्स ने कहा कि नई गैस मूल्य निर्धारण व्यवस्था से ONGC और ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL) जैसी गैस कंपनियों की इनकम घटेगी. यह नियम कठिन क्षेत्रों से उत्पादित गैस की कीमतों को प्रभावित नहीं करेंगे. रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Reliance) जैसी कंपनियां इस तरह के क्षेत्रों का संचालन करती हैं.
अप्रैल से लागू हो चुका है नियम
सरकार ने छह अप्रैल, 2023 को नए दिशा निर्देशों की घोषणा की थी. इसके तहत सरकार घरेलू स्तर पर उत्पादित गैस की कीमतें मासिक आधार पर तय करेगी. यह दर पिछले महीने में भारतीय क्रूड बास्केट (भारत द्वारा आयातित कच्चे तेल की औसत कीमत) का 10 फीसदी होगी. सरकार ने गैस कीमत के लिए 4 अमेरिकी डॉलर प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट (यूनिट) की निचली सीमा और 6.5 डॉलर प्रति यूनिट की ऊपरी सीमा भी तय की.
अब तक 6 महीने में कीमत रिवाइज होती थी
S&P ग्लोबल रेटिंग्स की साख विश्लेषक श्रुति जटाकिया ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि नए गैस मूल्य निर्धारण मानदंडों से कीमतों में अधिक तेजी से संशोधन होंगे.’ इससे पहले कीमतों की छह महीने में एक बार समीक्षा की जाती थी.
कम से उसे 4 डॉलर की कीमत मिलेगी
S&P ने एक बयान में कहा, ‘ निचली मूल्य सीमा का मतलब है कि ONGC अपने गैस उत्पादन पर कम से कम चार डॉलर प्रति यूनिट का मू्ल्य हासिल कर सकेगी, भले ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्राकृतिक गैस की कीमतें ऐतिहासिक रूप से कम हो जाएं.’ इसी तरह कीमतों की ऊपरी सीमा ONGC के लिए आय में वृद्धि सीमित करेगी. खासतौर से मौजूदा बढ़ी हुई कीमतों के बीच ऐसा देखने को मिलेगा.
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