पिछले 10 महीने में ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को 57000 करोड़ का घाटा, पेट्रोल-डीजल के दाम ना बढ़ाने से हुआ नुकसान
Moody's Report on OMCs: ऑयल मार्केटिंग कंपनियों की ओर से दाम ना बढ़ाने पर कंपनियों को पिछले 10 महीने में हजारों करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. इसमें IOCL, BPCL, HPCL शामिल हैं.
Moody's Report on OMCs: देश में रिटेल महंगाई दर पिछले 5 महीने की तुलना में सबसे ज्यादा है. वहीं पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई भी बदलाव नहीं देखने को मिल रहा है. बीते 22 मई से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव नहीं हुआ है. इसका मतलब ये है कि ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल की कीमतो में कोई बदलाव नहीं किया है, ना दाम बढ़ाया है और ना ही दाम घटाया है. ऑयल मार्केटिंग कंपनियों की ओर से दाम ना बढ़ाने पर कंपनियों को पिछले 10 महीने में हजारों करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. कंपनियों को पिछले 10 महीने में 57000 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है और ये आंकड़ा अगस्त महीने तक का ही है. आइए जानते हैं कि किस कंपनी को इस अवधि में कितना नुकसान हुआ है.
OMC को 6.5-7 बिलियन डॉलर का घाटा
ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को पिछले 10 महीनों में 57 हजार करोड़ रुपए का घाटा हुआ है. नवंबर 2021 से अगस्त 2022 तक ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को 6.5 से 7 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है. इसमें प्रमुख तौर पर IOCL, HPCL और BPCL को काफी घाटा हुआ है. मूडीज ने आंकड़ें जारी कर ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को हुए इस घाटे के बारे मे जानकारी दी है.
मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भले ही सरकार की ओर से ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को 22 हजार करोड़ रुपए की ग्रांट जारी की हो लेकिन इसके बाद ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को काफी नुकसान हुआ है.
किस कंपनी को कितना हुआ घाटा
मूडीज के मुताबिक इस साल देश की तीन प्रमुख ऑयल मार्केटिंग कंपनियों IOCL, HPCL और BPCL की आय कम ही रहेगी क्योंकि पहले ही इन कंपनियों को पहले ही तेल की बिक्री से काफी नुकसान हो चुका है. इसमें आईओसी यानी कि इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन को 3.2 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है. इसके अलावा HPCL और BPCL को करीब 1.6 से 1.9 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है.
22 मई से तेल की कीमतें नहीं बदली
बता दें कि 22 मई से लेकर अब तक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है. मई में सरकार की तरफ से एक्साइज में कटौती के बाद पेट्रोल और डीजल के दाम के कमी आई थी. मात्र 22 मार्च से 6 अप्रैल के बीच पेट्रोल और डीजल के दाम में करीब 9 से 10 रुपया के बढ़ोतरी हुई थी.
इसके अलावा नवंबर 2021 से अब तक इंडियन क्रूड बास्केट में करीब 25 फीसदी की बढ़त हो चुकी है और हाल ही में सरकार के तरफ से दिए गए 22 करोड़ रुपए की सब्सिडी का ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को ज्यादा फायदा नहीं होगा.