मॉनसून ने दी भारत में दस्तक, केरल में हुई जबरदस्त बारिश
मॉनसून ने 1 हफ्ते की देरी के बाद शनिवार को केरल तट पर दस्तक दे दी है. दक्षिण पश्चिम मानसून के सक्रिय होने के बाद उत्तर और मध्य भारत सहित देश के अधिकांश इलाकों में लगभग 4 महीने तक बारिश होती है.
मॉनसून ने 1 हफ्ते की देरी के बाद शनिवार को केरल तट पर दस्तक दे दी. केरल के 12 जिलों में तेज बारिश की संभावना जताई गई है. मॉनसून 24 घंटे में नॉर्थ ईस्ट पहुंचेगा. 'जी बिजनेस' के कमोडिटी एडिटर मृत्युंजय कुमार झा ने बताया कि मॉनसून लेट रहा है. इसमें 7 दिन की देरी हुई है. मौसम विभाग का अनुमान है कि इस बार मध्य और दक्षिण भारत में बारिश कमजोर रहने की आशंका है.
मौसम विभाग के नवनियुक्त महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने मानसून के पूर्वानुमान के मुताबिक 8 जून को केरल तट पर पहुंचने की पुष्टि की. उन्होंने बताया कि केरल के तटीय इलाकों में अच्छी मात्रा में मानसून की पहली बारिश दर्ज की गई.
उत्तर भारत में जून अंत तक आएगा मॉनसून
उत्तरी क्षेत्रों में जून के अंतिम और जुलाई के पहले सप्ताह में मानसून पहुचंने की संभावना व्यक्त की है. मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली में पूर्वानुमान से तकरीबन 2-3 दिन की देरी से मानसून 29 जून को पहुंच सकता है.
2 दिन पहले आने की संभावना थी
विभाग ने पिछले महीने दक्षिण पश्चिमी मानसून के केरल तट पर 6 जून को पहुंचने का पूर्वानुमान व्यक्त किया था लेकिन हवा के कम दबाव का क्षेत्र बनने में देरी के कारण मानसून की आमद में दो दिन की देरी हो गई. देश में मानसून के दस्तक देने की खबर, भीषण गर्मी, कृषि संकट और जलाशयों के तेजी से गिरते जलस्तर की चिंता से राहत देने वाली साबित होगी.
सूखे की मार
उत्तर और मध्य भारत में भीषण गर्मी का असर पश्चिम और दक्षिणी राज्यों के जलाशयों पर भी पड़ा है. इन इलाकों में देश के प्रमुख जलाशयों का जलस्तर काफी नीचे चला गया है जिससे महाराष्ट्र और राजस्थान सहित आसपास के तमाम सूखा ग्रस्त इलाकों में जलसंकट की समस्या गहराती जा रही है.
खेती के लिए राहत
देश का अधिकांश ग्रामीण क्षेत्र कृषि एवं सिचाई जरूरतों के लिए दक्षिण पश्चिम मानसून के दौरान 4 महीने तक होने वाली बारिश पर ही निर्भर रहता है. देश में कुल वर्षाजल का 75 प्रतिशत हिस्सा दक्षिण पश्चिमी मानसून से मिलने के कारण, इसमें होने वाली बारिश की प्रचुरता का सीधा प्रभाव अर्थव्यवस्था पर भी पड़ता है.
कम होगा तापमान
केरल तट पर मानसून की दस्तक के साथ ही, भीषण गर्मी से झुलस रहे उत्तरी और मध्य भारत के मैदानी क्षेत्रों तथा दक्षिणी राज्यों में तापमान में गिरावट आने की भी उम्मीद जगी है. मैदानी इलाकों में इन दिनों अधिकतम तापमान 40 से 45 डिग्री सेल्सियस के बीच चल रहा है. वहीं, राजस्थान के चुरू और आसपास के इलाकों में पारा 50 डिग्री सेल्सियस का स्तर पार कर गया है.
दिल्ली में 29 जून तक आएगा मॉनसून
मौसम विभाग ने उत्तरी क्षेत्रों में जून के अंतिम और जुलाई के पहले सप्ताह में मानसून पहुचंने की संभावना व्यक्त की है. मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली में पूर्वानुमान से तकरीबन 2-3 दिन की देरी से मानसून 29 जून को पहुंच सकता है. हालांकि निजी क्षेत्र की एजेंसी स्काईमेट ने इसमें एक सप्ताह तक की देरी का अनुमान व्यक्त किया है. मौसम विभाग ने दिल्ली और उत्तर पश्चिमी इलाकों सहित लगभग पूरे देश में मानसून की सामान्य बारिश होने की संभावना जतायी है.