Inflation in India: देश में महंगाई से जल्द राहत मिलने वाली है. इंटरनेशनल कमोडिटी की कीमतों में गिरावट और नए खरीफ फसल से महंगाई में गिरावट आ सकती है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को मंथली इकोनॉमिक रिपोर्ट में यह बात कही. बता दें कि अक्टूबर में रिटेल महंगाई दर 6.77 फीसदी रही, जो सितंबर के मुकाबले कम है. इसकी वजह खाद्य महंगाई में आई नरमी रही. हालांकि, महंगाई अभी भी रिजर्व बैंक (RBI) के तय दायरे से बाहर है, जो कि 2 से 6 फीसदी है. महंगाई दर इस साल जनवरी के बाद से ही RBI के तय दायरे से बाहर है.

इन कारणों से घटेगी महंगाई

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रिजर्व बैंक को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही तक रिटेल महंगाई दर 6 फीसदी के तय दायरे में आ जाएगी. इकोनॉमिक रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले महीनों में महंगाई से राहत मिलेगी. इसकी वजह इंटरनेशनल कमोडिटीज कीमतों में नरमी और खरीफ सीजन के नए फसलों के मार्केट में आने से सपोर्ट मिलेगा. खरीफ फसलों की कटाई अक्टूबर और नवंबर तक पूरी हो जाती है.  

ग्लोबल स्लोडाउन से एक्सपोर्ट बिजनेस पर बुरा असर

वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने कहा है कि ग्लोबल इकोनॉमी में आए धीमेपन से एक्सपोर्ट बिजनेस पर असर पड़ेगा. नतीजतन, एक्सपोर्ट आउटलुक कमजोर नजर आ रहा है. इसी महीने जारी सरकारी ट्रेड के आंकड़े बताते हैं कि अक्टूबर में ट्रेड डेफिसिट 26.91 अरब डॉलर रहा, जोकि सितंबर में 25.71 अरब डॉलर रहे थे. 

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मॉनेटरी पॉलिसी का ग्लोबल ग्रोथ पर असर

इकोनॉमिक रिपोर्ट के मुताबिक मॉनेटरी पॉलिसी में आई सख्ती से भी ग्लोबल ग्रोथ पर असर पड़ा है. हालांकि, भारत आने वाले सालों में अच्छी ग्रोथ दर्ज करेगा. साथ ही नौकरियों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है. क्योंकि कोरोना से जुड़ी पाबंदियों के बाद से रिटेल सेल्स में जोरदार ग्रोथ दर्ज किया जा रहा है. ऐसे में सेक्टर में हायरिंग भी तगड़ी हो सकती है.