Fed Meeting में ब्याज दरें बढ़ीं, तो दूसरे बैंक भी बढ़ाएंगे रेट- RBI ने कहा, GDP Growth में उछाल की जताई उम्मीद
Indian Economy: RBI की स्टेट ऑफ इकोनॉमी रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक ब्याज दरों में 25 bps की बढ़ोतरी करता है तो बाकी बैंक भी उनको फॉलो करेंगे.
Indian Economy: केंद्रीय रिजर्व बैंक की ओर से जारी की गई स्टेट ऑफ इकोनॉमी रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक ब्याज दरों में 25 bps की बढ़ोतरी करता है तो बाकी बैंक भी उनको फॉलो करेंगे. ऐसी उम्मीद पहले से ही जताई जा रही है कि आरबीआई खुद अभी ब्याज दरों में बढ़ोतरी पर लगाम लगाने वाला नहीं है. अनुमान है कि अप्रैल की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी में आरबीआई रेपो रेट में कम से कम 25 बीपीएस हाइक की घोषणा कर सकता है. इसमें कहा गया है कि रुपए में गिरावट और डेब्ट सर्विसिंग के चलते फाइनेंशियल स्टेबिलिटी पर रिस्क बना हुआ है. रिपोर्ट में कहा गया है कि महंगाई दर अभी भी ज्यादा है. इनपुट की कीमतों में कमी का अभी महंगाई पर असर नहीं दिखा है. महंगाई में बढ़त का असर खपत पर भी हो सकता है.
भारत में नहीं आएगी सुस्ती, रफ्तार कायम रहेगी
RBI की स्टेट ऑफ़ इकॉनमी रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की ग्रोथ में धीमापन नहीं होगा. 2022 -23 की तरह ही भारत की इकॉनमी बढ़ेगी, रफ्तार जारी रहेगी. दुनिया की दूसरे इकॉनमी की मुकाबले भारत के हालत बेहतर है. इसमें कहा गया है कि भारत को घरेलू ग्रोथ ड्राइवर्स का सबसे ज्यादा सहारा रहेगा. COVID-19 के बाद रिकवरी उम्मीद से बेहतर रही है. हाई बेस के चलते साल दर साल ग्रोथ धीमी दिखती है, लेकिन है नहीं. FY23 की दूसरी तिमाही से इकॉनमी में मोमेंटम बेहतर दिखेगा.
महामारी के बाद मजबूती से उभरा है भारत
इसके इतर रिजर्व बैंक के बुलेटिन के मार्च संस्करण में प्रकाशित एक लेख में अर्थव्यवस्था की स्थिति का आकलन पेश करते हुए कहा गया है कि तमाम समस्याओं के बावजूद रिजर्व बैंक भारत को लेकर आशावादी बना हुआ है. बुलेटिन के मुताबिक, फरवरी के अंत में जारी आर्थिक वृद्धि संबंधी आंकड़े दुनिया के अन्य हिस्सों की तुलना में भारत को बेहतर स्थिति में दर्शाते हैं. इसके लिए घरेलू अर्थव्यवस्था के जुझारूपन के साथ ही घरेलू कारकों पर निर्भरता भी एक अहम घटक रही है. 2023 में वैश्विक वृद्धि पर मंदी की मार पड़ने की आशंका होने के बावजूद भारत शुरुआती धारणा के उलट महामारी के बाद कहीं अधिक मजबूत बनकर उभरा है और चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में इसकी वृद्धि में तेजी बनी हुई है.
कैसे रहेंगे अहम आंकड़े?
भारत की रियल GDP ग्रोथ 169.7 लाख करोड़ रुपये की उम्मीद के मुकाबले 170.9 करोड़ रुपये रह सकती है. 2022-23 में 159.7 लाख करोड़ रुपये थी. रियल GDP में 7% की बढ़त का अनुमान है. बजट में टैक्स छूट के ऐलान के चलते घरेलू खपत में बढ़ोतरी की उम्मीद है. कैपिटल एक्सपेंडिचर में 3.2 लाख करोड़ रुपये की बढ़त का अनुमान है. आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल देवव्रत पात्रा की अगुवाई में लिखे आरबीआई बुलेटिन कहा गया है कि भारत का वास्तविक यानी स्थिर मूल्य पर सकल घरेलू उत्पाद अगले वित्त वर्ष में बढ़कर 170.9 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच सकता है जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में इसके 159.7 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है.
(एजेंसी से इनपुट के साथ)
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें