Indian Economy 2021: अर्थव्यवस्था का पहिया घूमा, तीसरी तिमाही में विकास दर 0.4% बढ़ी
Indian Economy 2021:राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की तरफ से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, आलोच्य तिमाही में कृषि क्षेत्र में 3.9 प्रतिशत और विनिर्माण क्षेत्र में 1.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.
Indian Economy 2021: देश की अर्थव्यवस्था बढ़ोतरी के रास्ते पर आ गई है. कृषि, सेवा और निर्माण क्षेत्रों के बेहतर प्रदर्शन के चलते चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही अक्टूबर-दिसंबर में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) यानी विकास दर में 0.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, इससे पहले, कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिये लगाए गए ‘लॉकडाउन’ के बीच लगातार दो तिमाहियों में अर्थव्यवस्था में गिरावट दर्ज की गई थी.
एनएसओ ने जारी किए आंकड़े (NSO released data)
व्यापार और होटल उद्योग में चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 7.7 प्रतिशत की गिरावट आई. कोरोना संकट का क्षेत्र पर असर अब भी जारी है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की तरफ से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, आलोच्य तिमाही में कृषि क्षेत्र में 3.9 प्रतिशत और विनिर्माण क्षेत्र में 1.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.
इन सेक्टर में हुई बढ़ोतरी (Growth in power, gas and utility)
खबर के मुताबिक, निर्माण क्षेत्र में 6.2 प्रतिशत जबकि बिजली, गैस, जल आपूर्ति और दूसरी उपयोगी सेवाओं में 7.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. एनएसओ के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष 2020-21 की तीसरी तिमाही में स्थिर मूल्य (2011-12) पर जीडीपी 36.22 लाख करोड़ रुपये रही जो इससे पूर्व वित्त वर्ष 2019-20 की इसी तिमाही में 36.08 लाख करोड़ रुपये थी. यानी जीडीपी में 0.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.’’
जीडीपी का नया अनुमान (New estimate of GDP)
वित्त वर्ष 2019-20 की तीसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था में 3.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी. एनएसओ के राष्ट्रीय लेखा के दूसरे अग्रिम अनुमान में 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 8 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान जताया गया है. जनवरी में एनएसओ ने पहले अग्रिम अनुमान में चालू वित्त वर्ष 2020-21 में अर्थव्यवस्था में 7.7 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान जताया था.
वास्तविक जीडीपी को जानिए (Know real GDP)
आंकड़ों के मुताबिक, वास्तविक जीडीपी स्थिर मूल्य (2011-12) पर 2020-21 में 134.09 लाख करोड़ रुपये पहुंच जाने का अनुमान है जो 2019-20 में 29 जनवरी 2021 को जारी पहले संशोधित अनुमान के मुताबिक, 145.69 लाख करोड़ रुपये था. वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी में 8 प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान है जबकि 2019-20 में इसमें 4.0 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी.
पहली तिमाही में इतना गिर गया था जीडीपी (GDP fell so much in the first quarter)
कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिए लगाए गए ‘लॉकडाउन’ के कारण चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था में 24.4 प्रतिशत की गिरावट आई थी. वहीं दूसरी तिमाही जुलाई-सितंबर में जीडीपी में 7.3 प्रतिशत की गिरावट आई थी. इससे पहले नवंबर में जारी अस्थायी अनुमान में पहली और दूसरी तिमाही की जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान (-) 24.9 प्रतिशत और (-) 7.5 प्रतिशत था.
वास्तविक आधार पर (2011-12 के मूल्य) पर प्रति व्यक्ति आय 2020-21 में 85,929 रुपये रहने का अनुमान है जो 2019-20 में 94,566 रुपये थी. यह 9.1 प्रतिशत की गिरावट को बताता है जबकि इससे पूर्व वित्त वर्ष में इसमें 2.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी. बाजार मूल्य पर प्रति व्यक्ति आय 2020-21 में 1,27,768 रुपये रही. यह 2019-20 में 1,34,186 रुपये के मुकाबले 4.8 प्रतिशत कम है.
अर्थव्यवस्था पर एनएसओ ने कहा (NSO on economy)
एनएसओ ने कहा कि सरकार ने कोविड-19 महामारी को फैलने से रोकने के लिये जो कदम उठाये हैं, उसका आर्थिक गतिविधियों के साथ आंकड़ा संग्रह व्यवस्था पर भी प्रभाव पड़ा है. एनएसओ के मुताबिक, आईआईपी (औद्योगिक उत्पादन) और सीपीआई (खुदरा मुद्रास्फीति) जैसे दूसरे वृहत आर्थिक संकेतकों के मामले में आंकड़ों को लेकर चुनौतियां रही हैं. इनका उपयोग राष्ट्रीय लेखा के अनुमान में किया जाता है. इसके साथ सरकार द्वारा उसके बाद के महीनों में महामारी के कारण प्रभावित अर्थव्यवस्था के पुनरुोद्धार को लेकर कदम उठाए जाते हैं, तो उन उपायों का असर होगा और फलत: इन अनुमानों की समीक्षा की जा सकती है.
अर्थव्यवस्था में आएगी तेजी (Economy will accelerate)
वित्त मंत्रालय ने कहा कि दिसंबर तिमाही में 0.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी यह बताती है कि अर्थव्यवस्था महामारी के पूर्व स्तर पर आ गई है और पुनरुोद्धार का ग्राफ आने वाले समय में तीव्र गति यानी V आकार में उठेगा. मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 की तीसरी तिमाही में वास्तविक जीडीपी में 0.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी से संकेत मिलता है कि अर्थव्यवस्था महामारी पूर्व के बढ़ोतरी के रास्ते पर लौट आई है. यह पहली तिमाही में जीडीपी में बड़ी गिरावट के बाद दूसरी तिमाही में शुरू तीव्र गति से पुनरुोद्धार के और मजबूत होने को प्रतिबिंबित करता है.
इक्रा की प्रधान अर्थशास्त्री ने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 की तीसरी तिमाही में जीडीपी और जीवीए (सकल मूल्य वर्धन) दोनों में बढ़ोतरी के लौटने के सााथ महामारी संकट के कारण तकनीकी रूप से जो मंदी की स्थिति आयी थी, वह समाप्त हो गयी है. यह हमारे अनुमान के मुताबिक है. उन्होंने कहा कि एनएसओ ने तीसरी तिमाही में जीडीपी में 0.4 प्रतिशत और जीवीए में 1.0 प्रतिशत बढ़ोतरी की बात कही है जबकि इक्रा ने 0.7 प्रतिशत बढ़ोतरी का अनुमान जताया था.
डेलॉयट इंडिया के भागीदारी संजय कुमार ने कहा कि चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में बढ़ोतरी दर में और तेजी देखने को मिलेगी क्योंकि तिमाही के दौरान कई क्षेत्रों खासकर होटल और यात्रा जैसे क्षेत्रों में काफी ढील दी गई है. एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने कहा कि तीसरी तिमाही में जीडीपी में 0.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी कोई अचंभित करने वाला नहीं है बल्कि यह दो तिमाही की गिरावट के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था के बढ़ोतरी के रास्ते पर लौटने का संकेत है. उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही और बेहतर रहने की उम्मीद है.
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