भारत में 2014-2024 के बीच कुल 667.4 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) आया है. इससे पहले के दशक (2004-2014) के मुकाबले FDI में 119 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है. सरकार की ओर से यह जानकारी दी गई. यह निवेश देश के सभी राज्यों और 57 सेक्टर में आया है. इसने विभिन्न इंडस्ट्री के विकास में अहम भूमिका निभाई है. बीते कुछ वर्षों में सरकार की ओर से FDI को देश में आकर्षित करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं. मौजूद समय में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सेक्टर को छोड़कर ज्यादातर सेक्टर ऑटोमेटिक रूट से 100 फीसदी FDI के लिए खुले हैं.

मैन्युफैक्चरिंग में 165 अरब डॉलर का FDI आया

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वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए डेटा के मुताबिक, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 2014-2024 के बीच संचयी रूप से 165 अरब डॉलर का FDI आया है. इसमें 2004-2014 के आंकड़े 97.7 अरब डॉलर के मुकाबले 69 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है. भारत में लगातार विदेशी निवेश बढ़ता जा रहा है. ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव की रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 23 में 71 अरब डॉलर और वित्त वर्ष 24 में 70 अरब डॉलर का विदेशी निवेश भारत आया था.

100 बिलियन डॉलर सालाना पहुंचाने की कोशिश

इससे पहले उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) के सचिव अमरदीप भाटिया ने कहा था कि सरकार अधिक श्रम और स्किल की मांग वाली इंडस्ट्री को प्राथमिकता दे रही है, जिससे FDI आने वाले वर्षों में 100 अरब डॉलर के आंकड़े को छू सके. भाटिया ने आगे कहा कि अनुपालन को कम करने के लिए संबंधित विभागों से बातचीत की जा रही है. 

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर सरकार का फोकस

DPIIT की ओर से 100 ऐसे अनुपालन के मुद्दों को पहचाना गया है जिसे समाप्त करने का आवश्यकता है. इससे प्रोसेस पहले की तुलना में काफी आसान हो जाएगा. आगे कहा कि सरकार लगातार व्यापार को आसान बनाने की दिशा में काम कर रही है. अब तक 42,000 से ज्यादा अनुपालन की आवश्यकताओं को खत्म किया जा चुका है, जिससे इंडस्ट्री को काफी फायदा हुआ है.