India GDP data: FY21 के दौरान GDP में 7.3% की गिरावट, Q4 में 1.6% रही ग्रोथ
FY2021 GDP: वित्त वर्ष 2019-20 में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 4 फीसदी रही थी.
India GDP Data Update: वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था की GDP में 7.3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. जबकि, जनवरी-मार्च 2021 यानी चौथी तिमाही में GDP ग्रोथ 1.6 फीसदी रही. नेशनल स्टैटिस्टिकल आफिस (NSO) की ओर से 31 मई को आंकड़े जारी किए गए. मार्च तिमाही के दौरान मैन्युफैक्चरिंग में अच्छी रिकवरी देखी गई. वित्त वर्ष 2019-20 में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 4 फीसदी रही थी. सालाना आधार पर वित्त वर्ष 2021 में नॉमिनल GDP ग्रोथ 7.8 फीसदी से घटकर (-) 3 फीसदी रह गई.
एनएसओ की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी-मार्च 2021 के दौरान सालाना आधार पर GVA ग्रोथ 3.7 फीसदी पर बरकरार है. वहीं, इस अवधि में नॉमिनल GDP ग्रोथ 8.8 फीसदी से घटकर 8.7 फीसदी रही. मार्च 2021 के दौरान सर्विस सेक्टर की ग्रोथ सालाना आधार पर 6.4 फीसदी से घटकर 1.5 फीसदी रह गई. जनवरी-मार्च 2021 के दौरान के दौरान मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ 6.9 फीसदी दर्ज की गई. जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष समान अवधि में मैन्युफैक्चरिंग में 4.2 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी.
एग्री सेक्टर में पॉजिटिव ग्रोथ रही है. फार्म सेक्टर में पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के दौरान 3.1 फीसदी की ग्रोथ रही. पूरे वित्त वर्ष के दौरान कृषि सेक्टर ही ग्रोथ में रहा है. वित्त वर्ष 2021 के दौरान कृषि सेक्टर की ग्रोथ 3.6 फीसदी रही. वित्त वर्ष 2020 में यह 4.3 फीसदी थी. सालाना आधार पर मार्च 2021 तिमाही में माइनिंग सेक्टर की बात करें तो इसमें 5.7 फीसदी की गिरावट आई है. जबकि वित्त वर्ष 2020 की समान अवधि में यह गिरावट 0.9 फीसदी थी. चौथी तिमाही में कंस्ट्रकशन की ग्रोथ 14.5 फीसदी रही, जोकि वित्त वर्ष 2020 की मार्च तिमाही में 0.7 फीसदी थी.
Q1FY21 में रही 24% की गिरावट
वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून 2020) में अर्थव्यवस्था में 24.4 फीसदी की भारी गिरावट आई थी. सितंबर 2020 तिमाही में यह गिरावट घटकर 7.3 फीसदी रही, जबकि तीसरी यानी अक्टूबर 2020 तिमाही में जीडीपी में 0.4 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी. 1980-81 के बाद यह अर्थव्यवस्था में सबसे ज्यादा सालाना गिरावट है. जबकि 1952 के बाद की सबसे बड़ी आर्थिक गिरावट है.
FY21 में वित्तीय घाटा GDP का 9.3%
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, FY21 में वित्तीय घाटा GDP का 9.3 फीसदी रहा. जबकि, इसी अवधि में रेवेन्यू घाटा GDP का 7.4 फीसदी दर्ज किया गया. वैल्यू टर्म में बात करें तो FY21 में वित्तीय घाटा 9.34 लाख करोड़ से बढ़कर 18.2 लाख करोड़ रुपये हो गया. इसी तरह, रेवेन्यू घाटा 6.67 लाख करोड़ से बढ़कर 14.54 लाख करोड़ रुपये रहा. वित्त वर्ष 2021 में टैक्स से आय 20.10 लाख करोड़ से बढ़कर 20.24 लाख करोड़ हो गई.
पिछली तिमाहियों में GDP ग्रोथ
Q3Y21: 0.4%
Q2FY21: (-)7.5%
Q1FY21: (-)23-9%
Q4FY20: 3.1%
Q2FY20: 4.5%
Q3FY20: 4.7%
Q1FY20: 5%
(Source: CSO)
Q4FY21 में GDP के पॉजिटिव ग्रोथ का था अनुमान
एजेंसियों और एक्सपर्ट ने चौथी तिमाही में जीडीपी पॉजिटिव जोन में आने का अनुमान जताया था. एसबीआई रिसर्च का कहना था कि जनवरी-मार्च 2021 तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था में 1.3 फीसदी की ग्रोथ रह सकती है. एसबीआई रिसर्च रिपोर्ट के मुख्य अर्थशास्त्री सौम्य कांति घोष का अनुमान था कि, वित्त वर्ष 2022 में रीयल जीडीपी ग्रोथ सिंगल डिजिट यानी 10 फीसदी से नीचे रह सकती है. पहले आकलन था कि इस दोरान रीयल जीडीपी ग्रोथ 10.4 फीसदी रह सकती है. एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट में कहा गया है कि 1.3 फीसदी की ग्रोथ रेट के अनुमान के आधार पर भारत 25 देशों में पांचवीं सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होगा.
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