फरवरी तक Fiscal Deficit बजट लक्ष्य का 86.5% पर पहुंचा, 15 लाख करोड़ के पार
वित्त वर्ष 2023-24 में फरवरी महीने तक फिस्कल डेफिसिट बजट लक्ष्य के 86.5% पर पहुंच गया. अप्रैल-फरवरी 2024 के बीच यह आंकड़ा 15 लाख करोड़ के पार पहुंच गया.
Fiscal Deficit: फरवरी के अंत तक फिस्कल डेफिसिट सालाना लक्ष्य के 86.5 फीसदी पर नयी दिल्ली, 28 मार्च (भाषा) सरकार का फिस्कल डेफिसिट चालू वित्त वर्ष (2023-24) में फरवरी के अंत तक संशोधित लक्ष्य का 86.5 फीसदी या 15 लाख करोड़ रुपए रहा है. गुरुवार को लेखा महानियंत्रक (सीजीए) द्वारा जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई.
बीते वित्त वर्ष की समान अवधि में फिस्कल डेफिसिट यानी व्यय और राजस्व का अंतर बजट 2022-23 के संशोधित अनुमान (आरई) का 82.8 फीसदी रहा था. चालू वित्त वर्ष (2023-24) में फिस्कल डेफिसिट 17.35 लाख करोड़ रुपए या सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 5.8 फीसदी रहने का अनुमान है. सीजीए द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, फरवरी, 2024 तक सरकार की कुल प्राप्तियां 22.45 लाख करोड़ रुपए रही हैं.
इनमें 18.49 लाख करोड़ रुपए का कर राजस्व (शुद्ध), 3.6 लाख करोड़ रुपए का गैर-कर राजस्व और 36,140 करोड़ रुपए की गैर कर्ज पूंजी प्राप्तियां हैं. फरवरी, 2024 तक सरकार की कुल प्राप्तियां 2023-24 के कुल संशोधित अनुमान का 81.5 फीसदी हैं. गैर-ऋण पूंजी प्राप्तियों में 23,480 करोड़ रुपए के ऋण की वसूली और 12,660 करोड़ रुपए की विविध पूंजी प्राप्तियां शामिल हैं. सीजीए के आंकड़ों के अनुसार, फरवरी, 2024 तक भारत सरकार द्वारा करों के हिस्से के हस्तांतरण के रूप में 10,33,433 करोड़ रुपए राज्य सरकारों को हस्तांतरित किए गए हैं, जो कि पिछले साल के 2,25,345 करोड़ रुपए से अधिक है.
केंद्र द्वारा किया गया कुल खर्च 37.47 लाख करोड़ रुपए रहा है, जिसमें से 29.41 लाख करोड़ रुपए राजस्व खाते में और 8.06 लाख करोड़ रुपए पूंजी खाते में था. यह चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान का 83.4 फीसदी है. कुल राजस्व खर्च में से 8.8 लाख करोड़ रुपए ब्याज भुगतान पर और 3.6 लाख करोड़ रुपए प्रमुख सब्सिडी पर थे. सीजीए आंकड़ों पर रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि अप्रैल-फरवरी, 2023-24 में राजस्व व्यय में एक फीसदी की मामूली वृद्धि और पूंजीगत व्यय में सालाना आधार पर 36.5 फीसदी की मजबूत वृद्धि के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के लाभांश से शुद्ध कर राजस्व सात फीसदी बढ़ा तो गैर-कर राजस्व 45 फीसदी बढ़ा.