Independence Day 2022: भारत अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है. देश अगले 25 वर्षों के दौरान एक लचीला इकोनॉमिक ग्रोथ को साकार करने की राह है. सरकार ने इसे देश का 'अमृत काल' कहा है. अर्थव्यवस्था के अन्य पहलुओं को एक तरफ रखते हुए 1947 के बाद से अन्य ग्लोबल बेंचमार्क के मुकाबले भारतीय मुद्रा रुपया (Rupee) पर एक नजर डालते हैं. किसी देश की करेंसी की वैल्यू उसके आर्थिक मार्ग का आकलन करने के लिए एक प्रमुख संकेतक है.

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एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, 1947 के बाद से माइक्रोइकोनॉमिक मोर्चे पर बहुत कुछ हुआ है, जिसमें 1960 के दशक में फूड और इंस्ट्रियल प्रोडक्शन में मंदी के कारण आर्थिक तनाव भी शामिल है. फिर भारत-चीन और भारत-पाकिस्तान आए जिन्होंने खर्च को बढ़ाया और भुगतान संतुलन संकट को पैदा किया. हाई इम्पोर्ट बिल का सामना करते हुए भारत डिफॉल्ट के करीब था क्योंकि विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserve) लगभग खत्म हो गया था.

तत्कालीन इंदिरा गांधी की सरकार में रुपये में आई थी बड़ी गिरावट

रिपोर्टों के मुताबिक, तत्कालीन इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार को रुपये में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये का मूल्य 4.76 रुपये से घटकर 7.5 रुपये हो गया. फिर 1991 में भारत फिर एक गंभीर आर्थिक संकट में फंस गया क्योंकि देश अपने आयातों के लिए भुगतान करने और अपने विदेशी ऋण दायित्वों को पूरा करने की स्थिति में नहीं था. फिर से भारत डिफॉल्ट के कगार पर था. इस साल देश की अर्थव्यवस्था को खोलने के लिए के लिए कई बड़े रिफॉर्म उठाए गए.

75 वर्ष में 4 रुपये से 80 रुपये पर आया रुपया

संकट को दूर करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कथित तौर पर रुपये का दो चरणों 9 प्रतिशत और 11 प्रतिशत में में अवमूल्यन किया. अवमूल्यन के बाद अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये का मूल्य लगभग 26 था. आजादी के दौरान 4 रुपये से तत्कालीन बेंचमार्क पाउंड स्टर्लिंग के मुकाबले अब अमेरिकी डॉलर के मुकाबले लगभग 79 रुपये से 80 रुपये तक है. इस तरह, पिछले 75 वर्षों में रुपये की वैल्यू 75 रुपये डिप्रेसिएट है.

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के फॉरेक्स एंड बुलियन, गौरांग सोमैया ने कहा, इन वर्षों में रुपये की कमजोरी में कई फैक्टर्स रहे हैं. जिसमें व्यापार घाटा अब बढ़कर 31 अरब डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया है, जिसमें मुख्य रूप से हाई ऑयल इम्पोर्ट बिल का योगदान था.