भारत सरकार की इस योजना का IMF भी हुआ मुरीद, कहा- दुनिया के लिए मिसाल है स्कीम, करोड़ों लोगों को हुआ फायदा
Indian DBT Scheme: भारत सरकार के DBT स्कीम की तारीफ IMF ने करते हुए कहा कि इससे पूरी दुनिया को सीख लेनी चाहिए. यह अपने आप में एक लॉजिस्टिक मॉर्वल है.
Indian DBT Scheme: भारत सरकार के डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) स्कीम ने कोरोना महामारी के दौरान करोड़ों लोगों को बहुत राहत पहुंचाई है. कई सारे इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म पर पहले ही इसकी तारीफ हो चुकी है. अब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भी इसे एक मिसाल बताते हुए कहा कि भारत अपने जटिल मुद्दों के समाधान के लिए टेक्नोलॉजी का जिस तरीके से इस्तेमाल कर रहा है, उससे कई बातें सीखी जा सकती है. IMF ने भारत की DBT स्कीम और इस तरह की योजनाओं को 'लॉजिस्टिक मॉर्वल' बताया है.
DBT के फायदे
डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के तहत विभिन्न सामाजिक कल्याण की योजनाओं का फायदा और सब्सिडी सीधे पात्र लोगों के खाते में भेजी जाती है, जिससे समय की भी बचत होती है और लाभधारकों के अकाउंट में सीधे राशि भेजने से ट्रांसपरेंसी बढ़ती है और बिचौलियों की भी भूमिका खत्म होती है.
24.8 लाख करोड़ रुपये का ट्रांसफर
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 2013 से DBT के जरिए करीब 24.8 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि लाभार्थियों तक पहुंचाई गई है. इसमें से 6.3 लाख करोड़ रुपये सिर्फ 2021-22 में ही पहुंचाई गई है. 2021-22 के आंकड़ों के अनुसार, प्रतिदिन 90 लाख से अधिक DBT का भुगतान किया गया है.
IMF में फिस्कल अफेयर्स डिपॉर्टमेंट में डिप्टी डायरेक्टर पाओलो माउरो (Paolo Mauro) ने कहा कि भारत से बहुत कुछ सीखा जा सकता है. दुनिया में सीखने के लिए बहुत सारे प्रेरणादायी उदाहरण भी हैं. यदि हम भारत की बात करें तो यह बहुत प्रभावशाली है.
Aadhaar का हुआ इस्तेमाल
भारत सरकार के DBT स्कीम के सफलता से जुड़े एक सवाल पर उन्होंने कहा, "देश के आकार को देखते हुए यह एक लॉजिस्टिक मॉर्वल ही है. गरीब लोगों की मदद के लिए शुरू किया गया यह कार्यक्रम लाखों लोगों तक पहुंचे हैं. भारत के मामले में जो एक चीज गौर करने लायक है, वह है Aadhaar का इस्तेमाल."
महामारी के बावजूद बनी रही विकास गति: सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने कहा है कि भारत ने कोरोना महामारी के बाद भी विकास की गति को तेज बनाए रखा है. वित्त मंत्री ने यह बात बुधवार को वाशिंगटन डीसी में चल रही IMF-WB की सालाना बैठक 2022 से इतर चौथे जी20 वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक गवर्नर्स की बैठक के पहले सत्र में कही.
वित्त मंत्रालय ने ट्वीट किया, वित्त मंत्री ने वैश्विक अर्थव्यवस्था पर बात की, भारत के आर्थिक विकास और नीतिगत प्रतिक्रियाओं पर ध्यान केंद्रित किया. साथ ही सीतारमण ने नीतिगत सहयोग बढ़ाने और नकारात्मक जोखिमों और उनके प्रभाव से निपटने के लिए अनुभवों को साझा करने का आह्वान किया.