नई दिल्ली: सरकार के लिए बुधवार का दिन राहत और खुशखबरी लेकर आया. दिन में रुपये और शेयर बाजार की हालत में सुधार के बाद शाम को खबर आई कि खुदरा महंगाई दस महीने के निचले स्तर 3.69 प्रतिशत हो गई है. इससे पहले जुलाई में महंगाई की दर 4.17 प्रतिशत थी. ये आंकड़े बाजार के अनुमानों के अनुरूप ही हैं, जबकि रिजर्व बैंक के लक्ष्य के मुकाबले काफी कम हैं. हालांकि रुपये में गिरावट और तेल की कीमतों में तेजी के चलते आने वाले दिनों में महंगाई पर दबाव देखने को मिल सकता है. 

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दूसरी ओर औद्योगिक उत्पादन में जुलाई में थोड़ी गिरावट आई और ये 6.6 प्रतिशत रही. इससे पहले जून में ये आंकड़ा सात प्रतिशत था. वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग में सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने इन आंकड़ों की जानकारी देते हुए बताया कि मैन्युफैक्चरिंग में उल्लेखनीय सात प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है और चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों में आईआईपी की ग्रोथ रेट 5.4 प्रतिशत रही है. 

उन्होंने कहा कि अगस्त में खुदरा महंगाई की दर और नरम हुई है. इससे गरीब लोगों को बहुत राहत मिलेगी. उन्होंने कहा कि भारत की बेहतर माइक्रो इकनॉमिक स्थिति लगातार बनी हुई है.