रेटिंग एजेंसी इक्रा ने भारत की GDP ग्रोथ पर अपने पहले के अनुमान को बरकरार रखा है. रेटिंग एजेंसी के मुताबिक होटल जैसे अन्य सेक्टर में लौटी रिकवरी, सरकारी और प्राइवेट खर्च में तेजी से ग्रोथ की रफ्तार मजबूत रहेगी. FY23 में GDP ग्रोथ रेट 7.2 फीसदी रहेगी. इक्रा ने बुधवार को कहा कि मांग बढ़ने से ग्रोथ की दर प्री-कोविड लेवल पर पहुंचने की उम्मीद है. हालांकि, जून तिमाही में ग्रोथ रेट की तुलना में दूसरी तिमाही में GDP ग्रोथ रेट कमजोर रहने की आशंका है. रेटिंग एजेंसी के मुताबिक हाई बेस के चलते अगली दो तिमाहियों में भी ग्रोथ की रफ्तार कमजोर रह सकी है.

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सबकी नजर पॉलिसी फैसलों पर

इक्रा का भारत की GDP ग्रोथ पर अनुमान ज्यादातर अनुमान के मुकाबले ज्यादा है. यह S&P के अनुमान से 0.10 फीसदी कम है. RBI ने इस साल ग्रोथ रेट 7.2 फीसदी रहने का अनुमान दिया है. हालांकि, सबकी नजर 30 सितंबर को आने वाली MPC फैसलों पर होगी.  ICRA की चीफ इकोनॉमिस्ट अदिति नायर ने कहा कि हम 2022-23 के लिए GDP ग्रोथ रेट को 7.2 फीसदी रहने का अनुमान बरकरार रख रहे हैं. इसकी बड़ी वजह सरकारी और प्राइवेट खर्ज में तेजी समेत होटल जैसे अन्य सर्विस सेक्टर में रिकवरी है. हालांकि दूसरी छमाही में ग्रोथ रेट कमजोर रहने की आशंका है, लेकिन प्री-कोविड (2019-20) की तुलना में ग्रोथ रेट मजबूत रहेगी.

खरीफ सीजन में धान का कम उत्पादन

अदिति नायर ने कहा कि अगस्त में आए आर्थिक आंकड़े काफी मजबूत रहे. GST ई-वे बिल औसतन  संख्या रिकॉर्ड स्तरों पर पहुंच गई. अलग-अलग यूनिट्स ने फेस्टिव सीजन से पहले सामान स्टॉक किया, जो दर्शाता है कि बाजार में भरोसा बढ़ा है. हालांकि, खरीफ सीजन में धान का कम उत्पादन ग्रोथ दर के लिए निगेटिव है. चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में GDP ग्रोथ 6.5-7 फीसदी रह सकती है. तीसरी और चौथी तिमाही में ग्रोथ दर 5 से 5.5 फीसदी रहने का अनुमान है.