Hydrogen Fuel: भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स, एलएंडटी इलेक्ट्रोलाइजर्स समेत 21 कंपनियों ने इलेक्ट्रोलाइजर (Electrolyser) मैन्युफैक्चरिंग के लिए सरकार से प्रोत्साहन को बोली लगाई हैं. इस पहल के तहत कुल 3.4 गीगावाट वार्षिक क्षमता स्थापित की जानी है. इलेक्ट्रोलाइजर का उपयोग हाइड्रोजन उत्पादन (Hydrogen Production) के लिए किया जाता है.

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एक आधिकारिक बयान के अनुसार भारतीय सौर ऊर्जा निगम (SECI) ने 1.5 गीगावाट इलेक्ट्रोलाइजर विनिर्माण क्षमता स्थापित करने के लिए बोलियां आमंत्रित की थीं. इलेक्ट्रोलाइजर विनिर्माताओं के लिए बोलियां इस वर्ष 7 जुलाई को आमंत्रित की गई थीं.

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21 कंपनियों ने लगाई बोली

सार्वजनिक क्षेत्र की सेकी ने 10 जुलाई को ग्रीन हाइड्रोजन ट्रांजिशन (SIGHT) योजना (मोड-1-ट्रेंच-1) के तहत 4,50,000 टन ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन के लिए बोलियां भी आमंत्रित की थीं. सेकी के बयान के अनुसार 21 कंपनियों ने 1.5 गीगावाट के प्रस्ताव के मुकाबले सालाना 3.4 गीगावाट इलेक्ट्रोलाइजर विनिर्माण क्षमता स्थापित करने के लिए प्रोत्साहन की बोली लगाई है.

बयान के अनुसार बोली लगाने वाली अन्य कंपनियों में हिल्ड इलेक्ट्रिक प्राइवेट, ओहमियम ऑपरेशंस, जॉन कॉकरिल ग्रीनको हाइड्रोजन सॉल्यूशंस, रिलायंस इलेक्ट्रोलाइजर मैन्युफैक्चरिंग, अदानी न्यू इंडस्ट्रीज, वारी एनर्जीज, जिंदल इंडिया, अवाडा इलेक्ट्रोलाइजर, ग्रीन एच2 नेटवर्क इंडिया, अद्वैत इंफ्राटेक, एसीएमई क्लीनटेक सॉल्यूशंस और ओरियाना पावर शामिल हैं.

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इस बीच 14 कंपनियों ने 4,50,000 टन की प्रस्तावित क्षमता के मुकाबले 5,53,730 टन ग्रीन हाइड्रोजन (Green Hydrogen) उत्पादन क्षमता वाली इकाइयां स्थापित करने के लिए प्रोत्साहन में रुचि दिखाई है.