बढ़ती महंगाई से आम लोगों के लिए बड़ी चुनौती बनती जा रही है. रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाले सामान की कीमतों में उछाल से दिक्कतें बढ़ती जा रही हैं. इसी मुद्दे पर सरकार गुरुवार को हाई लेवल मीटिंग करने जा रही है. इस बैठक का खास फोकस त्योहारी सीजन में राहत देने के उपायों पर होगी. इसमें जरूरत के सामान की कीमतों को घटाने पर मंथन होगा. 

मीटिंग की रिपोर्ट PMO को भेजी जाएगी

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मंहगाई पर होने वाली मीटिंग में फूड सेक्रेटरी, उपभोक्ता मामले के सचिव, कृषि सचिव समेत वित्त मंत्रालय के अधिकारी भी शामिल होंगे. गुरुवार को होने वाली बैठक शाम 5:30 बजे होगी. बैठक के बाद रिपोर्ट प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को भेजी जाएगी. 

महंगाई दर RBI के दायरे से 9वीं बार बाहर

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक रिटेल महंगाई 5 महीने की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई है. सितंबर में रिटेल महंगाई दर बढ़कर 7.4 फीसदी पर पहुंच गई. यह लगातार 9वें महीने RBI की तय दर 4% (+2/-2) से बाहर रही. महंगाई बढ़ने की सबसे बड़ी वजह खाद्य महंगाई रही, जो सितंबर में खाद्य महंगाई दर 8.6 फीसदी रही. खाद्य महंगाई का यह आंकड़ा 22 महीनों में सबसे ज्यादा है. 

अगले साल दायरे में आएगी महंगाई

RBI ने सितंबर में हुई MPC मीटिंग में कहा था कि चालू वित्त वर्ष में महंगाई उसके तय दायरे से बाहर ही रहेगी. इसके 6.7 फीसदी बने रहने का अनुमान है. जबकि तीसरी तिमाही में रिटेल महंगाई दर 6.5 फीसदी तक रहने का अनुमान है. हालांकि, FY24 में महंगाई दर घटकर 5 फीसदी तक आ सकती है. 

ब्याज दरों में लगातार बढ़ोतरी

गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि FY24 की पहली तिमाही में इकोनॉमिक ग्रोथ रफ्तार पकड़ने की बात कही थी. बता दें कि महंगाई पर काबू पाने के लिए ही रेपो रेट में भी बढ़ोतरी की. सितंबर में रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट की बढ़ोतरी की गई. यह 4.90 फीसदी से बढ़कर 5.40 फीसदी हो गई है. रेपो रेट में इस साल मई से अबतक 1.90 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है.