Halwa Ceremony: बजट से पहले निभाई जाएगी रस्म, इस दिन होगी Budget 2023 की हलवा सेरेमनी, कमरे में बंद रहेंगे अधिकारी
Halwa Ceremony Budget 2023 Date: हलवा सेरेमनी किस दिन होगी, इसकी डेट सरकार की ओर से जारी कर दी गई है. इस देश में बजट से पहले हर साल हलवा सेरेमनी की रस्म निभाना जरूरी है.
Halwa Ceremony Budget 2023 Date: 1 फरवरी को देश का बजट पेश होगा. इस देश की परंपरा रही है कि यूनियन बजट (Union Budget) से पहले हलवा सेरेमनी होती है. हलवा सेरेमनी की आधिकारिक डेट सामने आ गई है. कल यानी 26 जनवरी के दिन हलवा सेरेमनी की रस्म को अदा किया जाएगा. बजट से पहले हर साल हलवा सेरेमनी होती है. बता दें कि 1 फरवरी को बजट पेश होने वाला है, तो उससे पहले हलवा सेरेमनी (Halwa Ceremony) का होना बहुत जरूरी है. इतना ही नहीं कल (26 जनवरी) से लेकर 1 फरवरी तक बजट से जुड़े सभी अधिकारी वित्त मंत्रालय में ही रहेंगे.
क्यों होती है हलवा सेरेमनी?
बता दें कि भारत में किसी भी शुभ काम करने से पहले मुंह मीठा कराने की परंपरा है. ठीक इसी तरह बजट पेश करने से पहले वित्त मंत्री हलवा सेरेमनी की रस्म अदा करते हैं. इस परंपरा का सालों से पालन किया जा रहा है. बजट से पहले हलवा सेरेमनी का आयोजन करके मुंह मीठा कराया जाता है.
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हलवा सेरेमनी के बाद शुरू होता है लॉक इन पीरियड
बजट बनाने और इसकी छपाई से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों का लॉक इन पीरियड हर साल हलवा सेरेमनी के बाद शुरू होता है. हालांकि पिछली साल कोविड-19 प्रोटोकॉल्स को फॉलो करते हुए केंद्रीय बजट पहली बार पेपरलेस रूप में पेश किया गया था और बजट टीम में शामिल कोर स्टाफ को लॉक इन में भेजने से पहले मिठाई बांटी गई थी.
एक बार लॉक इन पीरियड शुरू होने के बाद कोई भी बाहरी व्यक्ति वित्त मंत्रालय में प्रवेश नहीं कर सकता. मोबाइल नेटवर्क काम नहीं करता. इंटरनेट के इस्तेमाल पर पाबंदी रहती है. सिर्फ लैंडलाइन के जरिए ही बातचीत हो पाती है.
ये चाक-चौबंद होते हैं
गोपनीय दस्तावेजों को किसी भी तरह की हैकिंग के रिस्क से बचाने के लिए जिन कंप्यूटरों पर बजट डॉक्यूमेंट मौजूद होता है, उनसे इंटरनेट और एनआईसी के सर्वर को डिलिंक कर दिया जाता है. ये कंप्यूटर सिर्फ प्रिंटर और छपाई मशीन से कनेक्ट होते हैं.
बता दें कि 1950 तक बजट की छपाई राष्ट्रपति भवन में होती थी, लेकिन 1950 में बजट का कुछ हिस्सा लीक हो गया था, इसके बाद छपाई नई दिल्ली के मिंटो रोड स्थित प्रेस में होने लगी और फिर 1980 से नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में बनी प्रिटिंग प्रेस में इसकी छपाई होने लगी.