वस्तु एवं सेवा कर (GST) की दरों में बड़ा बदलाव हो सकता है. जानकारी मिली है कि सरकार जीएसटी की तमाम स्लैब (GST Slabs) को खत्म करके केवल तीन स्लैब बनाने के पक्ष में है. जीएसटी की दरों को  8 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी की तीन स्लैब में समाहित करने पर विचार चल रहा है. इस समय जीएसटी के तहत चार स्लैब 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी हैं.

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जानकारी मिली है कि खाने-पीने के सामान को 8 फीसदी के स्लैब में रखा जाएगा.  ज्यादातर आइटम के रेट 18% वाले स्लैब में जा सकते हैं.

साल में एक बार होगा बदलाव

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने कहा कि केंद्र सरकार ने अनौपचारिक रूप से जीएसटी परिषद को साल में एक बार कर की दरों में बदलाव करने का प्रस्ताव दिया है, न कि हर तीन महीनों पर क्योंकि मौजूदा व्यवस्था से सरकार और कारोबार दोनों में कुछ अनिश्चितता बनी रहती है.

वित्त मंत्री (Finance Minister) ने कहा कि जीएसटी में जब आप एक निश्चित स्तर तक आ चुके हैं तो ज्यादा बदलाव से समस्याएं पैदा होंगी, रिफंड समस्याएं आएंगी. इस प्रकार जब एक मद में कर की दर घटेगी तो उससे कई अन्य समस्याएं पैदा होंगी और उससे या तो रिफंड प्रभावित होगा या कारोबारी. वे सही तरीके से योजना नहीं बना पाएंगे कि उनको पूरे साल के कर के लिए कितनी राशि रखनी है.

उन्होंने कहा कि इसी प्रकार केंद्र और राज्यों की सरकारें पूरे साल में जीएसटी से होने वाली आय का आकलन नहीं कर पाएंगी. उन्होंने कहा कि इसलिए तीन महीने पर जीएसटी में कटौती या वृद्धि से कुछ हद तक अस्थिरता बनी रहती है. 

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सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा कि सरकार ने जीएसटी परिषद को प्रस्ताव दिया है. परिषद ऐसी स्थिति पर विचार कर सकती है कि कर की दरों में बदलाव-कटौती या वृद्धि, साल में एक बार किया जाए.