सरकार ने सोमवार को कहा कि कुल जीएसटी रिफंड दावों के करीब 94 फीसदी मामलों का निपटारा कर दिया गया है. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) और राज्यों के प्रशासन ने कुल 97,202 करोड़ रुपये के जीएसटी रिफंड का निपटारा किया है. वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "सीबीआईसी और राज्य प्रशासन द्वारा कुल 91,149 करोड़ रुपये के जीएसटी रिफंड्स का निपटारा किया गया है, जबकि रिफंड के कुल दावे 97,202 करोड़ रुपये के थे. इसलिए निपटारे की दर 93.77 फीसदी रही है."

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लंबित मामले कुल 6,053 करोड़ रुपये के

बयान में कहा गया है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के रिफंड दावों के लंबित मामले कुल 6,053 करोड़ रुपये के हैं, जिसे तेजी से संशोधित किया जा रहा है, ताकि पात्र दावेदारों को राहत मिल सके. बिना किसी कमी के धनवापसी के मामलों को तेजी से मंजूरी दी जा रही है. 

मंत्रालय ने कहा कि जहां तक एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) रिफंड्स का सवाल है, इसमें कुल 50,928 करोड़ रुपये के रिफंड के दावे किए गए, जिसका करीब 95 फीसदी या 48,455 करोड़ रुपये के दावों का 28 नवंबर तक निपटारा कर दिया गया है. बयान में कहा गया है, "विभिन्न कमियों के कारण 2,473 करोड़ रुपये के शेष दावों में सुधार करने के लिए निर्यातकों को सूचित किया गया है."

जीएसटी संग्रह में तेजी का रुझान

अक्टूबर में माल एवं सेवाकर (जीएसटी) प्राप्ति एक लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गई थी. इससे पिछले सितंबर में जीएसटी संग्रह 94,442 करोड़ रुपये रहा था. इस साल अप्रैल में पहली बार जीएसटी संग्रह एक लाख करोड़ रुपये के पार पहुंचा था. तब से यह लगातार 90,000 करोड़ रुपये से अधिक बना हुआ है. 

सरकार ने चालू वित्त वर्ष में हर माह एक लाख करोड़ रुपये के जीएसटी संग्रह का लक्ष्य रखा है. मई में जीएसटी संग्रह 94,016 करोड़ रुपये, जून में 95,610 करोड़ रुपये, जुलाई में 96,483 करोड़ रुपये, अगस्त में 93,960 करोड़ रुपये और सितंबर में 94,442 करोड़ रुपये रहा था.