केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री सदानंद गौड़ा का दावा है कि केमिकल इंडस्ट्रीज (Chemical Industries) में अगले पांच साल में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 300 अरब डॉलर से अधिक का योगदान देने की क्षमता है. यह उद्योग इस समय 160 अरब डालर का योगदान कर रहा है तथा सरकार ने 2005 तक वार्षिक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को 5000 अरब डालर के स्तर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है.

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रसायन एवं उर्वरक क्षेत्र (Chemicals and Fertilizers) का अभी विनिर्माण उद्योग में योगदान करीब 7.76 प्रतिशत है. अगले पांच साल में यह क्षेत्र में दो गुना हो कर 304 अरब डॉलर तक पहुंच की क्षमता है.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार ने 2025 तक देश को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है. रसायन एवं उर्वरक क्षेत्र की इस दिशा में अहम भूमिका हो सकती है और जीडीपी में इसका योगदान मौजूदा 160 अरब डॉलर से बढ़कर 304 अरब डॉलर पर पहुंच सकता है.

सरकार पहले ही गुजरात, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और तमिलनाडु में चार पेट्रोलियम, रसायन एवं पेट्रोरसायन निवेश क्षेत्र बनाने को मंजूरी दे चुकी है. इनके पूरा हो जाने पर करीब आठ लाख करोड़ रुपये के निवेश आकर्षित होंगे तथा इनसे रोजगार के 40 लाख से अधिक अवसर सृजित होने का अनुमान है.