ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को सरकार ने फिर दिया झटका, कच्चे पेट्रोलियम पर बढ़ा दिया Windfall Tax; नई दरें आज से लागू
Windfall Tax: घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर अप्रत्याशित लाभ कर 4,250 रुपये प्रति टन तय किया गया था. इसके अलावा विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (एसएईडी) या डीजल के निर्यात पर शुल्क वर्तमान में एक रुपये प्रति लीटर से बढ़कर 5.50 रुपये प्रति लीटर हो जाएगा.
Windfall Tax: सरकार ने सोमवार को कच्चे पेट्रोलियम पर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क बढ़ाकर 7,100 रुपये प्रति टन कर दिया. यह आदेश 15 अगस्त से लागू होगा. पिछली पाक्षिक समीक्षा में घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर अप्रत्याशित लाभ कर 4,250 रुपये प्रति टन तय किया गया था. इसके अलावा विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (एसएईडी) या डीजल के निर्यात पर शुल्क वर्तमान में एक रुपये प्रति लीटर से बढ़कर 5.50 रुपये प्रति लीटर हो जाएगा.
वहीं, जेट ईंधन पर 15 अगस्त से दो रुपये प्रति लीटर का शुल्क लगाया जाएगा. वर्तमान में जेट ईंधन पर कोई विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क नहीं है. पेट्रोल पर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क शून्य रहेगा.
इसके पहले सरकार ने 1 अगस्त को घरेलू कच्चे तेल यानी क्रूड एक्सपोर्ट पर विंडफाल गेन टैक्स (Windfall Gain Tax) को 1600 रुपए/टन से बढ़ाकर 4250 रुपए/टन कर दिया था, जिससे Diesel पर अतिरिक्त एक्सपोर्ट ड्यूटी शून्य से बढ़कर 1 रुपए/लीटर हो गई थी.
क्या होता है विंडफॉल टैक्स?
विंडफॉल टैक्स विंडफॉल प्रॉफिट पर लगाया जाता है. यानी कि जब किसी बिजनेस या उद्योग को अचानक किसी वजह से ज्यादा प्रॉफिट होता है, अचानक रेवेन्यू में बढ़ोतरी होती है तो सरकार इस प्रॉफिट पर विंडफॉल टैक्स लगाती है, ताकि उस मुनाफे में से उसे भी इस पर टैक्स के तौर पर हिस्सा मिले. यह टैक्स अस्थायी तौर पर लगाया जाता है और हर 15 दिनों में इसकी समीक्षा होती है. समीक्षा केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड और सीमा शुल्क बोर्ड करते हैं.
भारत ने पहली बार 1 जुलाई 2022 को अप्रत्याशित लाभ कर लगाया था. जब रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से क्रूड ऑयल अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था, तो ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के ऊपर सरकार विंडफॉल टैक्स लगाने का फैसला किया था.
(भाषा से इनपुट)
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