आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर रिजर्व बैंक के 7.4 प्रतिशत के अनुमान से अधिक रहने की उम्मीद है. रिजर्व बैंक ने हर दो महीने में होने वाली अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में 2018-19 के लिए आर्थिक वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया है.

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गर्ग ने ट्वीट किया, 'सरकार समिति के बयान तथा दरों को यथावत रखने के निर्णय का स्वागत करती है. मुद्रास्फीति का सरकार का आकलन और रिजर्व बैंक का आकलन एक जैसा है. हमारा मानना है कि वृद्धि दर समिति द्वारा अनुमानित दर से अधिक रह सकती है.' वित्त मंत्रालय ने बाद में एक बयान में कहा कि समिति द्वारा दरें यथावत रखने का निर्णय मुद्रास्फीति एवं आर्थिक वृद्धि के सरकार के आकलन के अनुकूल है.

आरबीआई ने ग्रोथ को लेकर चिंता जताई है. रिजर्व बैंक ने अपने रुख में बदलाव किया है. आरबीआई ने वित्त वर्ष 2019 में जीडीपी ग्रोथ लक्ष्य 7.4 फीसदी पर बरकरार रखा है. आरबीआई के मुताबिक जुलाई-सितंबर में महंगाई दर 4 फीसदी और अक्टूबर-मार्च में 3.9-4.5 फीसदी रहने का अनुमान है. अप्रैल-जून 2019 में महंगाई दर 4.8 फीसदी रहने का अनुमान है. वित्त वर्ष 2019 में वित्तीय घाटा 3.3 फीसदी रहने का अनुमान है.

भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. रेपो रेट को 6.50 फीसदी पर बरकरार रखा है. वहीं, रिवर्स रेपो रेट में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है. रिवर्स रेपो रेट 6.25% पर बरकरार रखा है. MPC के 6 सदस्यों में 5 ने ब्याज दर नहीं बढ़ाने के पक्ष में वोट किया. रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 7.4 प्रतिशत पर बरकरार रखा. 

वित्त वर्ष 2019-20 में वृद्धि 7.6 प्रतिशत पर पहुंच सकती है. इससे पहले लगातार 2 मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट को 0.25 फीसदी बढ़ाया गया था. कच्चे तेल में तेजी और डॉलर के मुकाबले रुपये में लगातार गिरावट के कारण महंगाई बढ़ने की आशंका को देखते हुए विशेषज्ञों को उम्मीद थी कि मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दरों को बढ़ाया जा सकता है.