केंद्र सरकार (Central Government) ने MSP पर गेहूं (Wheat) खरीदकर एक नया रिकॉर्ड बना लिया है. बता दें सराकर ने शुक्रवार को कहा कि रबी मार्केटिंग सीजन  (Rabi Marketing Season) में 400.45 लाख मिट्रिक टन गेहूं की खरीद की है, जिसकी टोटल कॉस्ट 79,088 करोड़ रुपये बैठती है. वहीं सरकार का इस साल का 427.36 लाख टन खरीदने का लक्ष्य है.

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बता दें साल 2012-2013 में मनमोहन सिंर सरकार (Man MO) के दौरान गेहूं की खरीद का रिकॉड बना था. उस दौरान सरकार द्वारा 382 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया था. ठीक इसके 8 साल बाद केंद्र सरकार ने  Rabi Marketing Season 2020-21 में इस रिकॉर्ड को तोड़ डाला था. तब सरकार ने कुल 389.92 लाख टन गेहूं खरीदा था. अपने ही रिकॉर्ड को खुद केंद्र सरकार ने तोड़ दिया है. 

उत्पादन में भी हुई वृद्धि

दरअसल नवंबर 2020 के अंत से दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के विरोध के बीच गेहूं की रिकॉर्ड खरीद हासिल की गई है. किसान संघ (Farmers Union) तीन नए कृषि कानूनों (3 New Agricultural Laws) को रद्द करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं.

उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान, गुजरात, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में साल 2021-22 के चालू रबी चिपणन सत्र में गेहूं की खरीद MSP पर व्यवस्थित रूप से जारी है, जैसा कि पिछले सत्र में भी किया गया था. एक सरकारी बयान में कहा गया, ‘एमएसपी मूल्य (जो लगभग 79,088.77 करोड़ रुपये है) पर चल रहे खरीद अभियान से लगभग 42.36 लाख किसान पहले फायदे में चल रहे हैं.’

नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्स (एनएफएसए) National Food Security Act (NFSA), के तहत, केंद्र लगभग 80 करोड़ लोगों को प्रति व्यक्ति हर महीने 5 किलो गेहूं और चावल की बिक्री 2-3 रुपये प्रति किलोग्राम के अत्यधिक रियायती दर पर देता है. 

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