Fiscal Deficit: सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के बेहतर आंकड़े और राजकोषीय स्थिति में सुधार से उत्साहित सरकार चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को GDP के 5.1 फीसदी से कम कर सकती है. सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पूर्ण बजट जब जुलाई में पेश किया जाएगा. उस समय ऐसा किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि कर और गैर-कर आय, दोनों मदों में वृद्धि के कारण घाटे का आंकड़ा कम हो सकता है.

मानसून औसत से बेहतर रहने की उम्मीद

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बीते वित्त वर्ष 2023-24 में राजकोषीय घाटा GDP का 5.6 फीसदी था, जबकि एक फरवरी को पेश अंतरिम बजट में इसके 5.8 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया था. सूत्रों ने कहा कि पूर्ण बजट पेश होने पर सरकार राजकोषीय घाटे पर फिर से विचार करेगी. मानसून औसत से ऊपर रहेगा और यह कृषि क्षेत्र के लिए अच्छा संकेत है. उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष के लिए आरबीआई का सात फीसदी का पूर्वानुमान वास्तविकता के करीब लगता है. सूत्र के अनुसार मजबूत निवेश मांग तथा व्यापार और उपभोक्ता धारणाओं में मजबूती के कारण घरेलू आर्थिक गतिविधियां मजबूत बनी हुई है.

Q4 का जीडीपी ग्रोथ रेट 7.8% रहा

बता दें कि वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था का ग्रोथ रेट 7.8% रहा. पूरे वित्त वर्ष का ग्रोथ रेट 8.2% रहा जबकि FY23 का ग्रोथ रेट 7% रहा था. भारतीय अर्थव्यवस्था ने चौथी तिमाही और पूरे फिस्कल में उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया है. पहली तीन तिमाही की बात करें तो भारतीय अर्थव्यवस्था जून तिमाही में 8.2%, सितंबर तिमाही में 8.1% और दिसंबर तिमाही में 8.4% की दर से बढ़ी है. चौथी तिमाही का ग्रोथ रेट 7.8% रहा है.