भारत का वित्तीय घाटा इस साल अप्रैल-अगस्त की अवधि के दौरान सालाना आधार पर 6.43 लाख करोड़ रुपए से घटकर 4.35 लाख करोड़ रुपए हो गया है. वहीं, भारत का चालू खाते का घाटा (कैड) इस साल अप्रैल-जून तिमाही में बढ़कर जीडीपी का 1.1 प्रतिशत रहा जबकि जनवरी-मार्च तिमाही में 0.5 प्रतिशत अधिशेष की स्थिति थी. इसके अलावा अप्रैल से अगस्त की अवधि में रेवेन्यू गैप 2.84 लाख करोड़ रुपए से घटकर 1.43 लाख करोड़ रुपए हो गया है.

16.72 लाख करोड़ रुपए से घटकर 16.52 लाख करोड़ रुपए हुआ सरकार का खर्च

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अप्रैल से अगस्त की अवधि में सरकार का खर्च 16.72 लाख करोड़ रुपए से घटकर  16.52 लाख करोड़ रुपए (YoY) हो गया है. इसके अलावा अप्रैल-अगस्त के दौरान आमदनी `10.29 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर `12.17 लाख करोड़ रुपए (YoY), रेवेन्यू स्पेंडिंग 12.98 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 13.51 लाख करोड़ रुपए (YoY) हो गया है. अप्रैल से अगस्त के बीच कैपेक्स  3.73 लाख करोड़ रुपए से घटकर 3.01 लाख करोड़ रुपए (YoY) हो गया है.  

11.89 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 13.33 लाख करोड़ रुपए हुआ टैक्स रेवेन्यू

अप्रैल-अगस्त की अवधि के दौरान टैक्स रेवेन्यू 11.89 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 13.33 लाख करोड़ रुपए (YoY) हो गया है. केवल अगस्त में वित्तीय घाटा  37,200 करोड़ रुपए से बढ़कर 1.58 लाख करोड़ रुपए (YoY), अगस्त में रेवेन्यू गैप 17,800 करोड़ से बढ़कर 1.21 लाख करोड़ रुपए (YoY), अगस्त में स्पेंडिंग 2.91 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 3.52 लाख करोड़ रुपए (YoY) हो गया है. अगस्त में आमदनी 2.54 लाख करोड़ से घटकर 1.94 लाख करोड़ रुपए (YoY) हो गया है.

अगस्त में रेवेन्यू स्पेंडिंग 2.34 लाख करोड़ से बढ़कर 3.12 लाख करोड़ रुपए (YoY),  कैपेक्स 56,700 करोड़ रुपए से घटकर 9,700 करोड़ रुपए (YoY) हो गया है. अगस्त में टैक्स रेवेन्यू 2.95 लाख करोड़ रुपए से घटकर 2.48 लाख करोड़ रुपए (YoY) हो गया है.