Goldman Sachs On Indian Growth: भारत की इकोनॉमी को लेकर ग्लोबल बैंकिंग फर्म गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs) ने एक बड़ा ऐलान किया है. ऐलान ये है कि आने वाले समय में भारत की ग्रोथ अगर इसी स्पीड से बढ़ती है तो भारतीय इकोनॉमी अमेरिका को पछाड़कर दुनिया की दूसरे सबसे बड़ी इकोनॉमी (Secong Largest Economy ) बन जाएगी. गोल्डमैन सैक्स का अनुमान है कि अगले दशक में भारत की जीडीपी (Indian GDP) लगभग 7 फीसदी की दर से बढ़ेगी. रिपोर्ट में आगे कहा गया कि अगर इसी रफ्तार से भारतीय इकोनॉमी बढ़ती है तो अमेरिकी को पीछे करने में भारत को 2075 तक का समय लगेगा. 2075 तक भारत दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी ताकत बन जाएगी. 

China के बाद दूसरी सबसे बड़ी Economy

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गोल्डमैन सैक्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत चीन के वैकल्पिक में एक बड़ा मैन्यूफैक्चरिंग हब बन रहा है. रिपोर्ट में कहा गया कि सरकार ग्लोबली कंपिटिटिव मैन्यूफैक्चरिंग हब्स बनाने के लिए लगातार निवेश कर रही है. इसका फायदा ग्लोबल कंपनियां उठाना चाहती हैं.

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रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में चीन के विकल्प में मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार हो चुका है. इतना ही नहीं ग्लोबल कंपनियां भी इस मैन्यूफैक्चरिंग हब का हिस्सा बनने को तैयार हैं. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि भारत में निवेश और एक्सपोजर बढ़ाने का ये सही और बढ़िया मौका है. यूरोपियन कंपनियां काफी हद तक अंतरराष्ट्रीय कंपनियां हैं. 

Goldman Sachs भारत पर बुलिश

गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट की बात करें तो रिपोर्ट के मुताबिक, चीन में यूरोप का एक्सपोजर 28 फीसदी है और भारत का एक्सपोजर 2 फीसदी है. गोल्डमैन सैक्स का कहना है कि चीन के वैकल्पिक के तौर पर अगर भारत को मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाना है तो भारत में एक्सपोजर रेट को बढ़ाना होगा. 

Goldman Sachs क्यों है पॉजिटिव?

गोल्डमैन सैक्स ने बोला है कि US डॉलर में जब मजबूती आती है तो रुपया हमेशा आउटपरफॉर्म करता है. भारत मौजूदा समय में पांचवीं बड़ी इकोनॉमी है. इसके अलावा रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि ग्रोथ और इन्फ्लेशन मिक्स में सुधार हुआ है. इसके अलावा जनसंख्या ज्यादा होने की वजह से लेबर की चिंता नहीं है. 

गोल्डमैन सैक्स ने अपनी रिपोर्ट में ये भी कहा कि सरकार का कैपैक्स में निवेश करने पर लगातार फोकस है. इसके अलावा रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि ग्लोबली कंपिटिटिव मैन्यूफैक्चरिंग हब्स बनाने पर चीन+1 का पूरा फायदा मिलेगा.

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