Gold पर इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ने से क्या थमेगी Rupee की कमजोरी? घरेलू बाजार में कितना जाएगा भाव, जानिए एक्सपर्ट की राय
बाजार के एक्सपर्ट मान रहे हैं, डॉलर के मुकाबले रुपये में लगातार आ रही कमजोरी को रोकने में गोल्ड पर इम्पोर्ट ड्यूटी कुछ हद तक कारगर होगी. यानी, रुपये की गिरावट को रोकने की कोशिशों में सरकार ने यह फैसला किया है.
Gold Import Duty and Rupees: केंद्र सरकार ने सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी 5 फीसदी बढ़ा दी गई है. अब सोने पर कुल ड्यूटी 15.75 फीसदी हो गई है. ड्यूटी बढ़ने से घरेलू बाजार में सोना की कीमतों तेजी तेजी देखने को मिलेगी. इससे पहले, बजट में सरकार ने इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती की थी. अब सवाल यह है कि 1 जुलाई को सरकार ने सरप्राइज करते हुए सोने पर इम्पोर्ट ड्यूटी क्यों बढ़ा दी? बाजार के एक्सपर्ट मान रहे हैं, डॉलर के मुकाबले रुपये में लगातार आ रही कमजोरी को रोकने में गोल्ड पर इम्पोर्ट ड्यूटी कुछ हद तक कारगर होगी. यानी, रुपये की गिरावट को रोकने की कोशिशों में सरकार ने यह फैसला किया है. हालांकि, एक्सपर्ट का कहना है कि सोने पर इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ाने का असर जाहिर तौर पर घरेलू बाजार में देखने को मिलेगा. वैल्युएशन के लिहाज से सोने में तेजी बनेगी. क्योंकि जब भी कमोडिटी का इम्पोर्ट महंगा होता है, इसका असर तत्काल उसकी कीमतों पर पड़ता है. लेकिन, इसके विपरीत डिमांड पर एक कमजोरी देखने को मिल सकती है.
रुपये को संभालने के लिए किया फैसला!
केडिया कमोडिटी के डायरेक्टर अजय केडिया का कहना है कि सरकार ने इस समय गोल्ड पर इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ाने का फैसला क्यों किया है, इसकी कुछ अहम वजहें हैं. दरअसल, तीसरी और चौथी तिमाही में हमेशा से ही गोल्ड की डिमांड के लिहाज से काफी बड़ा महीना होता है. वहीं, अगले महीने गोल्ड बॉन्ड की एक और किस्त लॉन्च होने वाली है. सरकार चाहती है कि इम्पोर्ट की एवज में अगर आपको निवेश करना है, तो गोल्ड सॉवरेन बॉन्ड के जरिए कीजिए.
उन्होंने कहा कि अभी जिस तरह रुपये में गिरावट है, उसको रोकने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है. क्योंकि, पिछले साल सोने में 1,000 टन का रिकॉर्ड इम्पोर्ट हुआ है. इम्पोर्ट ज्यादा होगा, तो इम्पोर्ट बिल भी बढ़ेगा और इसके पेमेंट के लिए ज्यादा डॉलर चुकाने पड़ेंगे. जिससे रुपये कमजोर होगा. ऐसे में सरकार के इस फैसले से भारतीय रुपये को सपोर्ट मिल सकता है.
Gold: किस लेवल पर रहेगा भाव
केडिया का कहना है, सोने में प्राइस आउटलुक की बात करें, तो इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ने से इंटरनेशनल मार्केट में गोल्ड पर दबाव बढ़ेगा. क्योंकि, भारत एक सबसे बड़ा गोल्ड इम्पोर्टर है. टेक्निकली देखें, तो इस समय गोल्ड 1800 डॉलर के लेवल के करीब ट्रेड कर रहा है. जो नीचे 1770 तक जा सकता है. लेकिन, जियोपॉलिटिकल टेंशन, मंदी और महंगाई की चिंताओं के चलते गोल्ड की कीमतों को सपोर्ट मिलेगा.
घरेलू बाजार की बात करें, तो आज के डेवलपमेंट के बाद कीमतों में 2 से 2.5 फीसदी का पॉजिटिव असर कीमतों पर पड़ेगा. इस महीने की बात करें तो एमसीएक्स पर सोने का रेंज 50,000 से 53,500 रुपये प्रति दस ग्राम का रहेगा. वहीं, चांदी की बात करें, तो वह फिलहाल अंडरपरफॉर्मर है. क्योंकि, मंदी के खतरे के चलते इंडस्ट्रियल डिमांड कम है. ऐसे में चांदी में रेंज थोड़ी डाउनसाइड है. चांदी में अगर 20 डॉलर का लेवल टूटता है, तो दबाव बढ़ेगा. घरेलू बाजार में चांदी 57,000 से लेकर 62,000 रुपये प्रति किलो का बड़ा रेंज रहेगा. क्योंकि, अगर महंगाई के चलते सोने में वैल्युएशन को लेकर तेजी आएगी, तो इसका थोड़ा-बहुत सपोर्ट चांदी को भी मिलेगा.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
Gold पर कितनी हो गई प्रभावी ड्यूटी
सरकार ने 1 जुलाई, शुक्रवार की सुबह सोना खरीदने वालों को सरप्राइज करते हुए इंपोर्ट ड्यूटी 5 फीसदी बढ़ा दी गई है. अबतक सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी 7.5 फीसदी थी, जो सेस और दूसरे चार्ज मिलाकर कुल 10.75 फीसदी थी, लेकिन 5% बढ़ने के साथ ही अब 15.75 फीसदी हो जाएगी. सरकार ने बजट में इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती की थी. इंपोर्ट ड्यूटी और GST समेत सोने पर कुल 18.75% टैक्स चुकाना होगा. इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ने का असर घरेलू बाजार में देखने को मिल सकता है. MCX पर सोना आज 1300 रुपए चढ़कर कारोबार कर रहा है. हालांकि, ये कारोबार फ्यूचर मार्केट में हो रहा है.
पिछले 10 साल में भारत ने पिछले साल सबसे बड़ी मात्रा में सोने का इंपोर्ट किया है. भारत ने मई में 6.03 अरब डॉलर का सोना इंपोर्ट किया, जो पिछले साल की तुलना में 9 गुना ज्यादा है. सरकार की तरफ से सोने के इंपोर्ट इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने से इसके इंपोर्ट को काबू किया जा सकेगा.
इंडस्ट्री और डिजिटल लेन-देन पर होगा असर!
गोल्ड पर इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ाने का एक और पहलू है कि इससे डिमांड पर असर होगा और इंडस्ट्री को भी झटका लग सकता है. दी बुलियन & ज्वेलर्स एसोसिएशन के चेयरमैन योगेश सिंघल का कहना है, देश मे पहली बार शायद चांदी को छोड़कर केवल सोने पर ही आयात शुल्क बढ़ाया गया है. गोल्ड इंडस्ट्री पहले ही मंदी की मार झेल रही है. व्यापारी के सामने सबसे बड़ी चुनौती भाव फर्क की आएगी, जिससे डिजिटल लेन-देन को झटका लगेगा. सरकार को पहले की तरह सोने की ज्वेलरी के निर्यात पर आयकर से छूट देनी चाहिये ताकि विदेशी करेंसी देश में आ सके और भारतीय रुपया मजबूत हो सके.