दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा E-Marketplace बना GeM पोर्टल, जानिए ये है क्या और आम आदमी के लिए ये उपयोगी है या नहीं
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने सरकारी खरीद में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए साल 2016 में GeM (Goverment E Marketplace) पोर्टल की शुरुआत की थी. सरकार का ये पोर्टल अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ई-मार्केटप्लेस बन चुका है.
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने सरकारी खरीद में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए साल 2016 में GeM (Goverment E Marketplace) पोर्टल की शुरुआत की थी. सरकार का ये पोर्टल अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ई-मार्केटप्लेस बन चुका है. जी हां, मौजूदा वित्त वर्ष में GeM पर 1 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा की बिक्री हो चुकी है. पोर्टल के शुरु होने से लेकर अभी तक GeM पर 3.38 लाख करोड़ रुपये की खरीद की जा चुकी है. बताते चलें कि सरकार के इस पोर्टल पर सिर्फ वस्तु ही नहीं बल्कि सेवाओं की भी खरीद और बिक्री की जाती है. आपको जानकर हैरानी होगी कि सरकार का GeM ऑर्डर प्राप्त करने के लिहाज से दुनिया का सबसे बड़ा और ऑर्डर की वैल्यू के लिहाज से तीसरा सबसे बड़ा ई-मार्केटप्लेस बन गया है.
GeM पोर्टल पर सेलर्स और सर्विस प्रोवाइडर्स की संख्या 55 लाख के पार
GeM पर अभी कुल प्रोडक्ट्स की संख्या 29,99,780 है और यहां सेलर्स और सर्विस प्रोवाइडर्स की कुल संख्या 55,01,170 है. हालांकि, ये आम नागरिकों के लिए नहीं है. बताते चलें कि केंद्र सरकार या किसी भी राज्य की सरकार के किसी भी मंत्रालय या विभाग को यदि कोई प्रोडक्ट या सर्विसेज खरीदनी होती है, वो GeM पोर्टल के माध्यम से ही खरीदारी करते हैं. GeM पोर्टल पर अभी कुल सरकारी खरीदारों की संख्या 64,403 है. ये सरकारी खरीदार इस पोर्टल से 10,742 वस्तु और 271 सर्विसेज की खरीदारी करते हैं.
इस वित्त वर्ष 1.5 लाख करोड़ रुपये का बिजनेस होने की उम्मीद
GeM पोर्टल की शुरुआत साल 2016 में हुई थी. वित्त वर्ष 2016-17 में इस पोर्टल पर 6 हजार ऑर्डर से कुल 422 करोड़ रुपये का बिजनेस हुआ था. वित्त वर्ष 2021-22 में इस पोर्टल पर 33 लाख ऑर्डर हुए और बिजनेस की वैल्यू 1.06 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गई. जानकारों की मानें तो मौजूदा वित्त वर्ष में GeM पर होने वाले कुल बिजनेस की वैल्यू 1.5 लाख करोड़ रुपये के आसपास पहुंच सकती है. वित्त वर्ष 2022-23 के पहले 8 महीनों में ये आंकड़ा 1 लाख करोड़ को पार कर चुका है.