Fiscal Deficit FY2023: सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए फिस्कल डेफिसिट को लेकर जानकारी दी है. FY2023 में यह जीडीपी का 6.4 फीसदी रहा. वित्त मंत्रालय के संशोधित अनुमान में भी फिस्कल डेफिसिट इतना ही रहने का लक्ष्य रखा गया था. बुधवार को जारी सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली. FY23 में वित्तीय घाटा 17.33 लाख करोड़ रुपए रहा. यह बजट अनुमान का 98.7  फीसदी रहा. सरकार अपने राजकोषीय घाटे को पाटने के लिए बाजार से कर्ज लेती है.

बजट अनुमान के करीब रहा

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FY2023 में फिस्कल डेफिसिट बजट में जो अनुमान लगाया गया था उसका 98.7 फीसदी रहा. रेवेन्यू डेफिसिट बजट अनुमान का 96.2 फीसदी रहा. प्राइमरी डेफिसिट बजट अनुमान का 98.8 फीसदी रहा. इंटरेस्ट पेमेंट बजट अनुमान का 98.7 फीसदी और कैपिटल एक्सपेंडिचर बजट अनुमान का 101.2 फीसदी रहा. रेवेन्यू बजट अनुमान का 100.5 फीसदी रहा.

मार्च महीने का फिस्कल डेफिसिट

मार्च महीने में फिस्कल डेफिसिट 2.79 लाख करोड़ रुपए का रहा. एक साल पहले यह 2.67 लाख करोड़ रुपए रहा था. रेवेन्यू गैप सालाना आधार पर 1.46 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 1.64 लाख करोड़ रुपए रहा. टैक्स रेवेन्यू सालाना आधार पर 4.34 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 5.06 लाख करोड़ रुपए रहा. रेवेन्यू स्पेंडिंग 5.43 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 5.49 लाख करोड़ रुपए रहा.

FY2023 में जीडीपी ग्रोथ रेट कितना रहा?

वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही के लिए सरकार ने जीडीपी ग्रोथ का डेटा जारी कर दिया है. जनवरी-मार्च 2023 तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था 6.1 फीसदी की दर से बढ़ी. एक साल पहले समान तिमाही में ग्रोथ रेट 4 फीसदी रहा था. दिसंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 4.4 फीसदी रहा था. पूरे वित्त वर्ष यानी FY2023 में जीडीपी ग्रोथ रेट 7.2 फीसदी रहा. यह अनुमान से बेहतर रहा है.

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