Free Trade Agreement: 5-9 जून को दिल्ली में होगी UK-India FTA पर 10वें दौर की बातचीत, जानिए डीटेल
India-UK FTA: 5-9 जून को भारत-ब्रिटेन एफटीए पर 10वें दौर की बातचीत दिल्ली में होगी. नौवें दौर की बैठक पिछले महीने 24 से 28 अप्रैल के बीच हुई थी.
India-UK FTA: भारत-ब्रिटेन फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) के अगले दौर की वार्ता जून माह होगी. 5-9 जून को भारत-ब्रिटेन एफटीए पर 10वें दौर की बातचीत दिल्ली में होगी. नौवें दौर की बैठक पिछले महीने 24 से 28 अप्रैल के बीच हुई थी. दोनों पक्ष एक महत्वाकांक्षी मुक्त व्यापार समझौते के लिए बातचीत कर रहे हैं. दोनों पक्षों का लक्ष्य जल्द से जल्द बातचीत को खत्म करना है.
13 चैप्टर को पूरा करना लक्ष्य
दोनों देशों ने 2023 के अंत तक एफटीए को अंतिम रूप देने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कुल 26 में से 13 चैप्टर को पूरा करने की प्रतिबद्धता जताई है. यूक्रेन पर रूसी हमले ने ब्रिटेन सहित पश्चिमी दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं को खासा नुकसान पहुंचाया है.
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बता दें कि 13 जनवरी 2021 को भारत-यूके एफटीए वार्ता शुरू हुई. यूके सरकार के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, भारत 2022 की तीसरी तिमाही के अंत तक चार तिमाहियों में यूके का 12वां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था, जो यूके के कुल व्यापार का 2.1 प्रतिशत था.
भारत और ब्रिटेन पिछले साल जनवरी से एक एफटीए (FTA) पर बातचीत कर रहे हैं, जिसका लक्ष्य एक व्यापक समझौते की दिशा में है, जिससे 2022 में अनुमानित GBP 34 अरब के द्विपक्षीय व्यापार संबंधों में वृद्धि होने की उम्मीद है. प्रगति की समीक्षा करने, बकाया मुद्दों को हल करने और बातचीत में आगे बढ़ने के तरीके पर चर्चा करने के लिए उच्च स्तर पर नियमित बैठकें आयोजित की जाती हैं.
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क्या है फ्री ट्रेड एग्रीमेंट?
एफटीए के तहत दो देशों के बीच आयात-निर्यात के तहत उत्पादों पर सीमा शुल्क, नियामक कानून, सब्सिडी और कोटा आदि को आसान बनाया जाता है. इसका एक बड़ा फायदा यह होता है कि जिन दो देशों के बीच में यह समझौता की जाती है, उनकी उत्पादन लागत बाकी देशों के मुकाबले सस्ती हो जाती है.
चार यूरोपीय देशों के समूह के साथ एफटीए पर चर्चा
इस समय ब्रसेल्स के दौरे पर गए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ईएफटीए के चारों सदस्य देशों के प्रतिनिधियों के साथ वृहद व्यापार समझौते से संबंधित प्रक्रियागत मुद्दों पर चर्चा की. यूरोपीय देशों के इस समूह में आइसलैंड, लीकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड शामिल हैं. चार यूरोपीय देशों के समूह ईएफटीए के साथ भारत का मुक्त व्यापार समझौता होने से द्विपक्षीय वाणिज्य, निवेश, रोजगार सृजन और आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा.
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