Foreign Exchange Reserves: विदेशी मुद्रा भंडार में आई भारी गिरावट, जानिए रिजर्व बैंक के खजाने में अब कितना बचा है
Foreign Exchange Reserves: देश के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार गिरावट आ रही है. 19 अगस्त को समाप्त सप्ताह में यह 7 बिलियन डॉलर की गिरावट के साथ 564 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया है.
Foreign Exchange Reserves: देश का विदेशी मुद्रा भंडार 19 अगस्त को समाप्त सप्ताह में 6.687 अरब डॉलर घटकर 564.053 अरब डॉलर रह गया. भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने यह जानकारी दी. इससे पहले 12 अगस्त को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 2.238 करोड़ डॉलर घटकर 570.74 अरब डॉलर रहा था. रिजर्व बैंक के शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, 19 अगस्त को समाप्त सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट का मुख्य कारण विदेशी मुद्रा आस्तियों (एफसीए) और स्वर्ण भंडार का कम होना है.
फॉरन करेंसी एसेट्स में आई गिरावट
साप्ताहिक आंकड़ों के मुताबिक, आलोच्य सप्ताह में एफसीए 5.77 अरब डॉलर घटकर 501.216 अरब डॉलर रह गयी. डॉलर में अभिव्यक्त विदेशी मुद्रा भंडार में रखे जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियों में यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में मूल्यवृद्धि अथवा मूल्यह्रास के प्रभावों को शामिल किया जाता है.
गोल्ड रिजर्व में आई 71 करोड़ डॉलर की गिरावट
आंकड़ों के अनुसार, आलोच्य सप्ताह में स्वर्ण भंडार का मूल्य 70.4 करोड़ डॉलर घटकर 39.914 अरब डॉलर रह गया. समीक्षाधीन सप्ताह में, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के पास जमा विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 14.6 करोड़ डॉलर घटकर 17.987 अरब डॉलर पर आ गया. जबकि आईएमएफ में रखे देश का मुद्रा भंडार भी 5.8 करोड़ डॉलर गिरकर 4.936 अरब डॉलर रह गया.
शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 8 पैसे की तेजी के साथ बंद
इधर शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया आठ पैसे की तेजी के साथ 79.84 (अस्थायी) पर बंद हुआ. विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की ऊंची कीमतों ने रुपए की बढ़त को सीमित किया. इस सप्ताह डॉलर इंडेक्स 108.76 के स्तर पर बंद हुआ. इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल 101 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर और WTI क्रूड ऑयल 93 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर बंद हुआ.
डॉलर में मजबूती रुपए के लिए ठीक नहीं
शेयरखान, बीएनपी परिबा के अनुसंधान विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा कि घरेलू शेयर बाजारों में सकारात्मक रुख और एफआईआई (Foreign Institutional Investors) आवक के चलते रुपए में तेजी आई. हालांकि, विदेशी बाजारों में डॉलर की मजबूती और कच्चे तेल की ऊंची कीमतों ने बढ़त को सीमित किया. उन्होंने आगे कहा कि मजबूत डॉलर और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें रुपए के लिए नकारात्मक है. इसके अलावा आयातकों की महीने के अंत में डॉलर की मांग भी रुपए पर दबाव डाल सकती है.