इस साल अब तक 83 अरब डॉलर का Foreign Exchange Reserves खाली, लगातार छठे सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार घटा
Foreign Exchange Reserves: रुपए को समर्थन देने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने जुलाई के महीने में 19 अरब डॉलर का रिजर्व बेच दिया. 9 सितंबर को समाप्त सप्ताह में यह फिसल कर 550 अरब डॉलर पर पहुंच गया.
Foreign Exchange Reserves: रुपए पर जारी दबाव के कारण रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को डॉलर रिजर्व बेचने पड़ रहे हैं. इसका नतीजा है कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार घट रहा है. नौ सितंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 2.23 अरब डॉलर घटकर 550.87 अरब डॉलर पर पहुंच गया. यह लगातार छठा सप्ताह रहा, जब विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट दर्ज की गई. इससे पिछले सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 7.94 अरब डॉलर घटकर 553.10 अरब डॉलर रहा था. सप्ताह के आखिरी कारोबारी सत्र में डॉलर के मुकाबले रुपया सात पैसे की गिरावट के साथ 79.78 पर बंद हुआ. पिछले कारोबारी सत्र में रुपया 79.71 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था.
गोल्ड रिजर्व में आया 34 करोड़ डॉलर का उछाल
रिजर्व बैंक द्वारा जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (Foreign Currency Asset) में गिरावट से विदेशी मुद्रा भंडार घटा है. समीक्षाधीन सप्ताह में एफसीए 2.51 अरब डॉलर घटकर 489.59 अरब डॉलर रह गया. हालांकि, इस दौरान गोल्ड रिजर्व 34 करोड़ डॉलर बढ़कर 38.64 अरब डॉलर पर पहुंच गया. समीक्षाधीन सप्ताह में, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास जमा विशेष आहरण अधिकार (SDR) में भी बढ़ोतरी हुई है. इस दौरान 80 करोड़ डॉलर बढ़ कर 4.910 अरब डॉलर पर पहुंच गया.
जुलाई में 19 अरब डॉलर का रिजर्व बेचा गया
यूक्रेन क्राइसिस के बाद से रुपए पर भारी दबाव है. इस समय रुपया 80 के स्तर पर मेंटेन है. इस स्तर पर मेंटेन करने के लिए रिजर्व बैंक की तरफ से डॉलर की बिक्री की जाती है जिससे रुपए को मजबूती मिले. यही वजह है कि इमर्जिंग मार्केट्स की करेंसी में सबसे मजबूत प्रदर्शन इंडियन करेंसी का है. रिजर्व बैंक ने रुपए को समर्थन के लिए लिए सिर्फ जुलाई के महीने में 19 अरब डॉलर का रिजर्व बेचा. यह मार्च 2022 के बाद का सर्वोच्च स्तर है. मार्च में आरबीआई ने 20.10 अरब डॉलर का रिजर्व बेचा था.
इस साल अब तक 83 अरब डॉलर घटा रिजर्व
इस साल अब तक रुपए में 7 फीसदी की गिरावट आई है. रुपए को समर्थन देने के लिए रिजर्व बैंक की तरफ से उठाए गए कदमों का डॉलर रिजर्व पर अच्छा खासा असर दिख रहा है. इस साल के शुरू में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 633 अरब डॉलर के करीब था जो अब घटकर 550 अरब डॉलर पर आ गया है. इस तरह अब तक विदेशी मुद्रा भंडार में 83 अरब डॉलर की गिरावट आई है. यह इस दशक की सबसे बड़ी गिरावट है.