एक रिपोर्ट की मानें तो बीते महीने अक्टूबर में टमाटर और चिकन जैसे खाद्य उत्पादों के दाम नीचे आने से हमारी थाली सस्ती हुई थी, लेकिन दीवाली के पहले प्याज के दामों में उछाल सबको रुला रहा है. रिपोर्ट का कहना है कि प्याज की ऊंची कीमतों के कारण इस महीने खाने की थाली महंगी होगी. प्याज की कीमतें 80 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक होने के बीच घरेलू रेटिंग एजेंसी CRISIL ने सोमवार को चेताया कि नवंबर में सामान्य थाली या भोजन की लागत बढ़ने की आशंका है.

कैसी रही थाली की स्थिति?

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अक्टूबर में प्याज की ऊंची कीमतों की वजह से भोजन की थाली के दाम नीचे नहीं आ पाए थे. अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े प्याज का दाम 34 रुपये से बढ़कर 40 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया. क्रिसिल ने कहा कि हालांकि, आलू और टमाटर की कीमतों में गिरावट से शाकाहारी थाली की कीमत घटकर 27.5 रुपये रह गई, जो कि साल भर पहले की समान अवधि की तुलना में पांच प्रतिशत कम और सितंबर महीने की तुलना में एक प्रतिशत कम थी. एजेंसी ने कहा कि आलू की कीमतों में 21 प्रतिशत की गिरावट आई जबकि टमाटर की कीमतों में 38 प्रतिशत की गिरावट आई, जिससे कुल स्थिति में सुधार हुआ. 

कितनी महंगी हुई नॉन-वेज थाली?

एजेंसी ने कहा कि मांसाहारी थाली की कीमत भी सालाना आधार पर सात प्रतिशत घटकर 58.4 रुपये रह गई, और सितंबर की तुलना में यह तीन प्रतिशत कम थी. मांसाहारी थाली की कीमत में तेजी से गिरावट आई क्योंकि ब्रॉयलर की कीमत जिसकी थाली लागत में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी है, उच्च आधार से अनुमानित पांच-सात प्रतिशत घट गई. एजेंसी ने कहा कि एलपीजी रसोई गैस की कीमत 200 रुपये घटाकर 953 रुपये प्रति सिलेंडर करने के सरकार के फैसले से भी स्थिति में मदद मिली. एलपीजी की एक शाकाहारी थाली की लागत में 14 प्रतिशत और एक गैर-शाकाहारी थाली में आठ प्रतिशत हिस्सा रहता है.