दिवाली से पहले देश की इकोनॉमी को लेकर गुड न्यूज, Fitch ने बढ़ा दिया भारत की ग्रोथ रेट का अनुमान
अमेरिकी रेटिंग एजेंसी का कहना है कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर टॉप-10 उभरती अर्थव्यवस्थाओं में सबसे ज्यादा रहने वाली है. इसी के साथ चीन की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के ग्रोथ रेट अनुमान को 5.3% से घटाकर 4.6% कर दिया है.
भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर अच्छी खबर सामने आ रही है. क्रेडिट रेटिंग एजेंसी Fitch रेटिंग्स ने भारत के मध्यम अवधि के आर्थिक वृद्धि अनुमान को 0.70% बढ़ाकर 6.2% कर दिया है. रोजगार की स्थिति में सुधार तथा कामकाजी आयु की आबादी में हल्की वृद्धि की संभावना को देखते हुए वृद्धि अनुमान बढ़ाया गया है. Fitch ने सोमवार को एक रिपोर्ट में 10 उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिये मध्यम अवधि में संभावित ग्रोथ रेट चार फीसदी रहने का अनुमान लगाया है. यह पिछले 4.3% के अनुमान से कम है. इसका एक प्रमुख कारण चीन की आर्थिक ग्रोथ रेट अनुमान में 0.7% की कटौती है.
चीन और रूस की बढ़ी टेंशन
रेटिंग एजेंसी ने कहा, कि हमने चीन की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के ग्रोथ रेट अनुमान को 5.3% से घटाकर 4.6% कर दिया है. हाल के वर्षों में चीन के ग्रोथ रेट में तेजी से कमी आई है. जमीन-जायदाद के क्षेत्र में नरमी से निवेश परिदृश्य पर असर पड़ा है. Fitch ने रूस के संभावित ग्रोथ रेट अनुमान को भी 0.8% घटाकर 0.8% कर दिया है. इसके उलट इसने अपने पिछले अनुमानों की तुलना में ब्राजील, भारत, मेक्सिको, इंडोनेशिया, पोलैंड और तुर्की के लिये वृद्धि अनुमान को बढ़ाया है.
इन कारणों से बढ़ा भारत का ग्रोथ रेट
Fitch ने कहा कि भारत के लिये आर्थिक वृद्धि अनुमान बढ़ाने का कारण श्रम बल भागीदारी दर में अच्छा सुधार है. वर्ष 2020 में इसमें अच्छी-खासी गिरावट आई थी. रेटिंग एजेंसी ने कहा, हमने भारत का आर्थिक वृद्धि अनुमान 0.7% बढ़ा दिया है. वहीं ब्राजील, तुर्की और इंडोनेशिया के लिये अनुमान को 0.2% बढ़ाया गया है. भारत के मामले में आर्थिक ग्रोथ रेट पिछले अनुमान से 0.7% अधिक यानी 6.2% रहने की उम्मीद है. इसका कारण रोजगार दर में सुधार और कामकाजी आबादी में वृद्धि का अनुमान है. भारत का श्रम उत्पादकता अनुमान भी अधिक है. Fitch ने मध्यम अवधि 2023 से 2027 को माना है.
भारत में महिलाओं के बीच रोजगार दर कम
रेटिंग एजेंसी के अनुसार, भागीदारी दर में नेगिटिव ग्रोथ के अनुमान को देखते हुए भारत की अनुमानित श्रम आपूर्ति वृद्धि भी 2019 की तुलना में कम है. हालांकि, भागीदारी दर अपनी कोविड-19 महामारी की नरमी से उबर गई है, लेकिन यह 2000 के दशक की शुरुआत में दर्ज स्तर से काफी नीचे बनी हुई है. महिलाओं के बीच रोजगार दर कम है.
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