Fitch Ratings: फिच रेटिंग्स ने सोमवार को कहा कि उच्च ब्याज दरों के बावजूद चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत में बैंक लोन में मजबूत वृद्धि जारी रहेगी. रेटिंग एजेंसी ने कहा कि लोन में मजबूत वृद्धि से बैंकों का मुनाफा और खासतौर से शुद्ध ब्याज मार्जिन बढ़ना चाहिए. फिच ने एक बयान में कहा, ''हमें उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2022-23 बैंक लोन 13 फीसदी की दर से बढ़ेगा, जो 2021-22 के 11.5 फीसदी से अधिक है. कोविड-19 महामारी के बाद आर्थिक गतिविधियों के सामान्य होने के कारण यह वृद्धि होगी.''

ग्रोथ रेट 7 फीसदी रहने का अनुमान

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फिच ने 2022-23 में भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर सात फीसदी रहने का अनुमान लगाया है. बयान में कहा गया कि दरों में वृद्धि के बावजूद भारतीय बैंक आमतौर पर वृद्धि को वित्त पोषित करने के लिए अतिरिक्त पूंजी जुटाने को तैयार रहते हैं. फिच ने कहा कि कैपिटल प्लानिंग में निजी बैंक आम तौर पर सरकारी बैंकों की तुलना में बेहतर हैं.

डिपॉजिट्स ग्रोथ थोड़ा कमजोर

फिच के मुताबिक, डिपॉजिट्स की रफ्तार लोन ग्रोथ के मुकाबले कम है. चालू वित्त वर्ष यानी 2022-23 और वित्त वर्ष 2023-24 में डिपॉजिट्स ग्रोथ रेट 11 फीसदी रह सकता है. अगर डिपॉजिट ग्रोथ में उछाल आएगा तो इससे बैंक के मार्जिन पर असर होगा. हालांकि, क्रेडिट कॉस्ट घटने से इसकी भरपाई हो जाएगी.

S&P ने ग्रोथ का अनुमान घटाया

इधर S&P ने चालू वित्त वर्ष के लिए ग्रोथ का अनुमान घटा दिया है. रेटिंग्स ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए ग्रोथ रेट का अनुमान घटाकर 7 फीसदी कर दिया है जो पहले 7.3 फीसदी था. सितंबर में रेटिंग एजेंसी ने कहा था कि भारत की अर्थव्यवस्था 7.3 फीसदी की दर से इस वित्त वर्ष में ग्रोथ करेगी. अगले वित्त वर्ष ग्रोथ का अनुमान 6.5 फीसदी रखा गया था.

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(भाषा इनपुट के साथ)