वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने पांच लाख करोड़ रुपये की आपात लोन सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) का दायरा बुधवार को बढ़ा दिया. इसके तहत ट्रैवल, पर्यटन और होटल-रेस्टोरेंट से जुड़े छोटे उद्यमों को योजना में शामिल किया गया है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ईसीएलजीएस 3.0 (ECLGS 3.0) के तहत नए क्षेत्रों को शामिल कर इस स्कीम के फायदे का दायरा बढ़ाया गया है.

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मार्च, 2023 तक बढ़ाने की घोषणा हुई थी

खबर के मुताबिक, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022-23 के बजट में योजना की अवधि एक साल के लिए मार्च, 2023 तक बढ़ाने की घोषणा की थी. साथ ही योजना के तहत मंजूर राशि 4.5 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर पांच लाख करोड़ रुपये कर दी थी. ताजा संशोधन के मुताबिक, ईसीएलजीएस 3.0 के तहत शामिल क्षेत्रों के नए कर्जदार जिन्होंने 31 मार्च, 2021 से 31 जनवरी, 2022 के बीच लोन लिया था, अब आपात लोन सुविधा का फायदा लेने के लिए पात्र होंगे.

कर्ज सीमा कोष आधारित बकाया में बदलाव

इसके अलावा, पात्र कर्जदारों के लिए कर्ज सीमा कोष आधारित बकाया लोन का 40 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया है. बयान के मुताबिक, बढ़ी हुई सीमा अधिकतम 200 करोड़ रुपये प्रति कर्जदार पर निर्भर करेगी. मंत्रालय ने कहा कि नए संशोधनों का मकसद इन संपर्क-गहन क्षेत्रों को बिना किसी गारंटी के नकदी के जरिये समर्थन देकर कारोबार को बढ़ावा देना है.\

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1.5 करोड़ रोजगार छिनने से बच

कोरोना काल के दौरान साल 2020 में सरकार की तरफ से लाई गई MSME लोन गारंटी स्कीम से करीब 1.5 करोड़ रोजगार छिनने से बच गए. 13.5 लाख कंपनियों पर से दिवालिया होने का खतरा भी टल गया. आपातकालीन ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तौर पर यह स्कीम से एक तरह से मददगार साबित हुई.