वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अति समृद्ध लोगों पर लगाया गया कर उनसे एक छोटी-सी उम्मीद है कि गरीबों के लिए उनका थोड़ा और योगदान होगा. वित्तमंत्री ने यहां नागरथर चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित इंटरनेशनल बिजनेस कान्फ्रेंस का उद्घाटन करते हुए कहा कि देश में अति समृद्ध (सुपर रिच) की कैटेगरी में 5,000 से अधिक लोग नहीं हैं. 

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उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट 2019-20 में स्टॉर्टअप्स की मदद के लिए कई कदम उठाए गए हैं. 

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अति समृद्धि लोगों को गरीबों की मदद करने के सरकार के दायित्व में भागीदार बनना चाहिए. 

वित्तमंत्री ने कहा कि यह राजमार्ग पर की जाने वाली डकैती या उनके कारोबार करने की कोई मंशा नहीं है. 

धन व नौकरी पैदा करने में भारतीय कॉरपोरेट के कार्यो की सराहना करते हुए सीतारमण ने कहा कि पिछले 60 साल से हम अपने अधिकारों की बात करते रहे लेकिन कर्तव्य कम से कम निभाया.

उन्होंने कहा कि गरीब लोग बिना किसी प्रतिफल के अपना कर्तव्य करते हैं इसलिए सरकार उन्हें नि:शुल्क शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा व अन्य लाभ प्रदान कर रही है. 

सीतारमण ने कहा कि बजट का मुख्य लक्ष्य सरकार की ओर से युवाओं को आवश्यक मदद प्रदान करना है और बैंकों व अन्य को करोबार में मदद करना है. 

वित्तमंत्री के अनुसार, केंद्र सरकार जीवन-यापन को सरल बनाने और कारोबारी सुगमता बनाने की दिशा में काम कर रही है.