1 अप्रैल से डिजिटल एसेट पर सख्ती, लगेगा 30% टैक्स, फाइनेंस एक्ट 2022 को राष्ट्रपति से मंजूरी
Finance Act 2022-23: राष्ट्रपति से फाइनेंस एक्ट 2022 को मंजूरी मिल गई है, यानी कि नए टैक्स से जुड़े कानून नए वित्तीय वर्ष यानी 1 अप्रैल 2022 से लागू हो जाएंगे.
Finance Act 2022-23: देश के राष्ट्रपति से फाइनेंस एक्ट 2022 को मंजूरी मिल गई है. शुक्रवार को इस विधेयक को लोकसभा से पारित किया गया था लेकिन अब इसे राष्ट्रपति से भी मंजूरी मिल गई है. कल यानी 1 अप्रैल से नया वित्त वर्ष 2022-23 शुरू होने वाला है. इसके बाद नए टैक्स से जुड़े कानून नए वित्तीय वर्ष यानी 1 अप्रैल 2022 से लागू हो जाएंगे. इसके तहत डिजिटल एसेट पर सख्ती कर दी जाएगी. 1 अप्रैल से डिजिटल एसेट पर सख्ती लागू हो जाएगी और किसी भी ट्रांजैक्शन पर 30 फीसदी का टैक्स लगेगा. फाइनेंस एक्ट के मुताबिक, डिजिटल एसेट के लिए कोई भी छूट नहीं मिलेगी. इसके अलावा 1 जुलाई से 1 फीसदी टीडीएस (TDS) भी लागू किया जाएगा.
डिजिटल एसेट पर लगेगा टैक्स
इस एक्ट के लागू हो जाने के बाद भारत में डिजिटल एसेट पर 30 फीसदी टैक्स लगेगा. यानी अगर कोई व्यक्ति किसी डिजिटल एसेट (Digital Asset) में निवेश करके 100 रुपए का मुनाफा कमाता है, तो उसे 30 रुपए टैक्स के रूप में सरकार को देने होंगे.
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ट्रांजैक्शन पर TDS भी वसूलेगी सरकार
क्रिप्टोकरेंसी के हर एक ट्रांजैक्शन (Transaction) पर अलग से 1% TDS (Tax deduction at source) सरकार को देना होगा. TDS किसी Source पर लगाया जाता है. जैसे आपको हर महीने मिलने वाली तनख्वाह पर सरकार जो टैक्स लेती है, वो TDS होता है. कुल मिलाकर सरकार डिजिटल करेंसी को एक इनकम सोर्स मान रही है. इसकी कमाई पर 30% टैक्स भी लगा दिया गया है.
गिफ्ट पर भी लगेगा टैक्स, ऐसे होगा कैलकुलेट
वित्त मंत्री ने वर्चुअल एसेट्स (Virtual Assets) के ट्रांजैक्शन से हुई कमाई पर 30% टैक्स लगाने का प्रस्ताव दिया था. क्रिप्टोकरेंसी गिफ्ट करने को भी ट्रांजेक्शन माना जाएगा. मतलब अगर आप क्रिप्टोकरेंसी किसी को गिफ्ट में देते हैं तब भी 30 फीसदी टैक्स की देनदारी बनेगी. गिफ्ट किए जाने के मामले में उस समय की वैल्यू पर टैक्स लगेगा. इस वैल्यू को Recipient का इनकम माना जाएगा और उसे वैल्यू पर टैक्स देना होगा.