उत्तर प्रदेश सरकार ने 1 अप्रैल से सरकारी क्रय केंद्रों पर किसानों से गेहूं खरीद शुरू करने का फैसला लिया है. योजना के तहत पूरे प्रदेश में 6 हजार गेहूं क्रय केंद्र खोले जाएंगे, जो 15 जून तक गेहूं की खरीद करेंगे. सरकार का दावा है कि किसानों को भुगतान उनके खाते में 72 घंटे के अंदर दे दिया जाएगा.

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गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य 1840 रुपये प्रति क्विंटल की दर से किया जाएगा. यूपी की योगी सरकार ने प्रदेश में 50 लाख टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा है लेकिन अगर केंद्रों पर अधिक आवक होती है, तो तय लक्ष्य से अधिक गेहूं की भी खरीद की जा सकेगी. क्रय केंद्रों पर सुबह नौ बजे से शाम छह बजे तक गेहूं की खरीद की जाएगी. 

रजिस्ट्रेशन के बिना नहीं बेच पाएंगे किसान अपना गेहूं

सरकार ने साफ कर दिया है कि सरकारी क्रय केंद्रों पर गेहूं बेचने के लिए किसानों को अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा. बिना रजिस्ट्रेशन के किसी भी किसान के गेहूं की खरीद नहीं की जाएगी. किसान किसी भी जनसेवा केंद्र पर जाकर अपना पंजीयन करा सकते हैं.

किसानों को खाद्य विभाग के विभागीय पोर्टल fcs.up.gov.in पर पंजीकरण कराना होगा. पंजीकरण कराते समय किसान को जोतबही, खसरा, भूमि/फसल का रकबा, आधार कार्ड, बैंक पासबुक, पासपोर्ट साइज फोटो और मोबाइल नंबर देना होगा.

राजस्थान में खरीद 15 मार्च से

राजस्थान में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए पंजीकरण का काम आज मंगलवार से शुरू हो गया. राज्य के कोटा संभाग में यह खरीद 15 मार्च से अन्य संभागों में एक अप्रैल से शुरू होगी.

खाद्य व नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश चंद्र मीणा ने बताया कि राज्य के किसान अपनी गेहूं की फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य 1840 प्रति क्विंटल की दर पर बेचने के लिए भारतीय खाद्य निगम के पोर्टल पर पंजीकरण करवा सकते हैं. 15 मार्च से कोटा संभाग में तथा एक अप्रैल से अन्य संभागों में गेहूं की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जाएगी.

किसानों को भारतीय खाद्य निगम के पोर्टल पर पंजीकरण के लिए फोटो पहचान पत्र, आधार कार्ड, राशन कार्ड,जॉब कार्ड, लाइसेंस, किसान क्रेडिट कार्ड व पासपोर्ट लेकर निकटतम ई मित्र केंद्र पर जाना होगा.