मॉनसून का पहला अनुमान जारी, इस साल जमकर बरसेंगे बदरा, अल-नीनो का खतरा नहीं
मौसम विभाग के मुताबिक, इस साल देश में साउथ वेस्ट मानसून नॉर्मल रहने की उम्मीद है. पूरे सीजन में 96% बारिश का अनुमान है.
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने मॉनसून को लेकर पहला अनुमान जारी कर दिया है. भारत में लगातार तीसरे साल बेहतर मानसून रह सकता है. मौसम विभाग के मुताबिक, इस साल देश में साउथ वेस्ट मानसून नॉर्मल रहने की उम्मीद है. पूरे सीजन में 96% बारिश का अनुमान है. मौसम विभाग ने कहा है कि अन-नीनो का खतरा कम हुआ है, मानसून से पहले अल-नीनो की स्थिति कमजोर पड़ी है. बता दें कि हाल ही में वेदर वेबसाइट Skymet ने इस साल के लिए अनुमान जारी करते हुए कहा था कि इस साल 93% बारिश होगी. यह अनुमान सामान्य से कम बारिश का है.
मौसम विभाग का यह है अनुमान
मौसम विभाग के मुताबिक, इस साल देश के हर इलाके में बेहतर बारिश होने की संभावना है. वहीं, कम बारिश होने की संभावना बेहद कम है. हालांकि, मॉनसून की चाल पर मौसम विभाग का अगला अनुमान मई के महीने में जारी होगा. वहीं, मॉनसून को लेकर अगला अपडेट जून में जारी होगा. पिछले साल अप्रैल में आईएमडी ने देश में 97 फीसदी बारिश का अनुमान जताया था.
अल-नीनो का खतरा नहीं
मौसम विभाग के मुताबिक, प्रशांत महासागर में विषुवत रेखा के पास समुद्र के तापमान में कमी बनी हुई है. जून तक इसमें बदलाव की उम्मीदें नगण्य हैं. ऐसे में यहां लॉ नीना इफेक्ट पैदा होता है, जिससे विषुवत रेखा के पास चलने वाली हवाएं ट्रेंड विंग के दबाव में जल्दी आती हैं. यह अच्छे मॉनसून का प्रतीक है.
केरल में कब दस्तक देगा मॉनसून
भारतीय मौसम विभाग का 96 फीसदी सामान्य मॉनसून रहने का अनुमान है. मॉनसून से पहले ला-नीना की स्थिति न्यूट्रल है. बता दें कि मई मध्य तक केरल में मॉनसून के दस्तक की तरीख तय होगी और जून में मॉनसून का दूसरा अनुमान जारी होगा.
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स्काईमेट का क्या अनुमान था
मौसम की जानकारी देने वाली प्राइवेट कंपनी स्काईमेट ने भी कुछ दिन पहले ही मॉनसून को लेकर अनुमान जारी किया था. स्काइमेट के मुताबिक जून-जुलाई-अगस्त-सितंबर में कुल मॉनसूनी बारिश की संभावना इस प्रकार है -
1. अत्यधिक (सामान्य के मुकाबले 110%) बारिश होने की संभावना - 0%
2. अधिक (सामान्य के मुकाबले 105% से 110%) बारिश होने की संभावना - 0%
3. सामान्य (सामान्य के मुकाबले 96% से 104%) बारिश होने की संभावना - 30%
4. सामान्य से कम (सामान्य के मुकाबले 90% से 95%) बारिश होने की संभावना - 55%
5. सूखे की आशंका (सामान्य के मुकाबले 90% से कम बारिश) - 15%