Electric Supply in Uttar Pradesh: योगी सरकार उपभोक्ताओं को निर्बाध विद्युत आपूर्ति प्रदान करने तथा उनकी समस्या के त्वरित समाधान करने के लिए दृढ़ संकल्पित है. इसके लिए वर्तमान विद्युत व्यवस्था के ढांचे में तेजी से बदलाव के कार्य किये जा रहे हैं. इसके तहत पूरे प्रदेश में आरडीएसएस, बिजनेस प्लान तथा अन्य मदों में कार्य कर इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत किया जा रहा है. साथ ही व्यवस्था की शीघ्र व सहज ढंग से मॉनीटरिंग के लिए क्षेत्रीय कार्यालयों की संख्या में और वृद्धि की जा रही है. इससे जहां कार्यक्षमता बढ़ेगी, वहीं शिकायतों के समाधान में भी तेजी आयेगी. ऐसे में योगी सरकार ने प्रदेश की विद्युत व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिये उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के तहत निर्धारित क्षेत्रों (जोन्स) का पुनर्निर्धारण करने का निर्णय लिया गया है. वर्तमान में कार्यरत 25 क्षेत्रों (जोन्स) को बढ़ाकर 40 क्षेत्र (जोन) बनाये जायेंगे. नवनिर्मित इन क्षेत्रों में मुख्य अभियन्ताओं की तैनाती की जायेगी.

बेहतर विद्युत आपूर्ति के लिये बनाए जा रहे नए ज़ोन

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योगी सरकार के फ़ैसले के बाद गोरखपुर, प्रयागराज, वाराणसी, बरेली, लेसा (सिस गोमती) लेसा (ट्रांसगोमती) अलीगंढ़, कानपुर, मेरठ, मुरादाबाद, सहारनपुर, आगरा, तथा लखनऊ को विभाजित कर एक-एक नया क्षेत्र (जोन) बनाया गया है. इसके अलावा गाजियाबाद क्षेत्र को तीन खण्डों में विभाजित कर दो नये क्षेत्र (जोन) गठित किये गये हैं. नगरीय क्षेत्रों की विशिष्ट समस्याओं को ध्यान में रखते हुए बड़े नगरों पर अधिक ध्यान देने के लिये नए जोन स्थापित किये जा रहे हैं. 

इससे नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा अलग-अलग पर्यवेक्षण किया जा सकेगा. वहीं बुलन्दशहर, अयोध्या, नोएडा, आजमगढ़, मिर्जापुर, बस्ती, देवीपाटन, बांदा, झांसी और केस्को में स्थापित जोन पूर्ववत ही रहेंगे. योगी सरकार के फ़ैसले से विद्युत विभाग के वर्तमान क्षेत्रों (जोन्स) को विभाजित कर नये क्षेत्रों (जोन्स) के गठन से विद्युत व्यवस्था से सम्बन्धित कार्यों में तेजी से सुधार आयेगा. 

लाइन हानियों को कम करने पर युद्धस्तर पर हो रहा काम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में योगी सरकार आरडीएसएस योजना के तहत वितरण निगमों को वित्तीय रूप से सक्षम एवं परिचालन के दृष्टिकोण से कुशल वितरण तन्त्र द्वारा गुणवत्तापूर्ण निर्बाध विद्युत आपूर्ति तथा लाइन हानियों को कम करने का कार्य किया जा रहा. वहीं विद्युत व्यवस्था के आधुनिकीकरण पर भी 50 हजार करोड़ की कार्य योजना भारत सरकार के पास भेजी जा रही.

विद्युत वितरण क्षेत्रों के पुनर्गठन का से गुणवत्तापक बेहतर विद्युत आपूर्ति, उसकी मॉनीटरिंग, लाइन हानियों को कम करने, विद्युत चोरी रोकने, उपभोक्ताओं की समस्याओं का शीघ्र समाधान करना और आसानी से सम्भव हो सकेगा. इसके साथ ही आरडीएसएस के कार्यों में तेजी लाने और उसकी गुणवत्ता निर्धारित करने के साथ स्मार्ट मीटरिंग आदि के कार्य में भी आसानी होगी.

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