भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि सकल राजकोषीय घाटा बजटीय लक्ष्यों के अनुरूप है और चालू खाता घाटा के 2018-19 के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 2.5 फीसदी के करीब रहने की उम्मीद है. दास ने यह बात इसी सप्ताह वाशिंगटन डीसी में विश्व बैंक-अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की स्प्रिंग मीटिंग के मौके पर आयोजित 'गवर्नर वार्ता' में कही.

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गवर्नर का बयान सरकार द्वारा पिछले वित्त वर्ष 2018-19 के राजकोषीय घाटा लक्ष्य की प्राप्ति की पहली आधिकारिक पुष्टि है. नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) आमतौर पर 15 मई तक पूर्व वित्त वर्ष के राजकोषीय घाटा के आंकड़े जारी करता है. दास ने यह भी कहा कि देश का चालू खाता घाटा (CAD) 2018-19 में जीडीपी का 2.5 फीसदी रह सकता है.

भारत सरकार के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में गिरावट के कारण भुगतान संतुलन में कमी आई है. केंद्रीय बैंक ब्याज दरों का निर्धारण करते समय वित्त मंत्रालय के प्रमुख आर्थिक आंकड़ों के संकेतकों को भी ध्यान में रखता है.

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इस महीने के आरंभ में RBI ने रेपो रेट 6.25 फीसदी से घटाकर 6 फीसदी कर दिया. साथ ही, केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष में जीडीपी विकास दर अनुमान 7.2 फीसदी रखा.