Ease of Doing Business: नया बिजनेस शुरू करना होगा और ज्यादा आसान, सिंगल विंडो से मिलेगी मंजूरी
Ease of Doing Business: DPIIT के सचिव ने कहा, मेक इन इंडिया (Make In India) का मतलब ये नहीं है कि सब कुछ भारत में बनाया जाए, बल्कि ग्लोबल स्तर का प्रोडक्शन हो और अपनी जरूरत के लिए हम आत्मनिर्भर बने. ईज ऑफ डूइंग से इंडस्ट्री को बढ़ावा मिला है.
Ease of Doing Business: केंद्र सरकार ने नया बिजनेस शुरू करने वालों को कई तरह के राहत दी है. इसी कड़ी में सरकार अब एक और बड़ा कदम उठाने जा रही है. DPIIT के सेक्रेटरी अनुराग जैन के मुताबिक, नए बिजनस की शुरुआत पर सिंगल विंडो मंजूरी मिलेगी. इसके नए चरण में सभी तरह के रेगुलेटरी और फाइलिंग इश्यू भी सिंगल विंडो पोर्टल पर होंगे. इसके लिए 6-10 महीने का समय लग सकता है.
उन्होंने कहा, मेक इन इंडिया (Make In India) का मतलब ये नहीं है कि सब कुछ भारत में बनाया जाए, बल्कि ग्लोबल स्तर का प्रोडक्शन हो और अपनी जरूरत के लिए हम आत्मनिर्भर बने. ईज ऑफ डूइंग (Ease of Doing Business) से इंडस्ट्री को बढ़ावा मिला है.
भारतीय कंपनियों के विदेश में निवेश करने के नियम हुए आसान
वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने 'ईज ऑफ डूइंग' की स्थिति को और बेहतर करने के लिये भारतीय कंपनियों के विदेशों में निवेश को लेकर कंसोलिडेटेड नियमों को अधिसूचित किया है. फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट (Overseas Investment) नियम, 2022 विदेशी निवेश और भारत के बाहर अचल संपत्ति के अधिग्रहण और ट्रांसफर से संबंधित मौजूदा नियमों को समाहित करेगा.
ओवरसीज डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट और ओवरसीज पोर्टफोलियो इन्वेस्टमेंट पर स्पष्टता लाई गई है. विभिन्न विदेशी निवेश संबंधी लेनदेन जो पहले अनुमोदन मार्ग के तहत थे, अब ऑटोमेटिक अप्रूवल रूट के तहत हैं. इससे कारोबार सुगमता बढ़ी है.