गेम चेंजर हो सकता है E 20 फ्यूल, घटेगा पेट्रोल बिल, किसानों की आय भी हो सकती है दोगुनी!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेंगलुरु में 'इंडिया एनर्जी वीक 2023' का उद्घाटन किया है। यहां पर वह ई 20 ईंधन भी लॉन्च करने जा रहे हैं। जानिए कैसे भारत के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है ई 20 ईंधन।
बेंगलुरु. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेंगलुरु में 'इंडिया एनर्जी वीक 2023' कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं. यहां पर वह एथेनॉल ब्लेंडिंग रोडमैप को आगे बढ़ाते हुए ई-20 ईंधन लॉन्च करेंगे। ई 20 ईंधन 20 फीसदी एथनॉल युक्त तेल . पीएम मोदी द्वारा लॉन्च लॉन्च होने के बाद ई20 ईंधन की 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 82 पेट्रोल पंप में बिक्री शुरू हो जाएगी. एथनॉल युक्त ये तेल भारत के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है. ये न सिर्फ भारत के तेल आयात को कम करने में मदद करेगा बल्कि इससे किसानों की आय दोगुनी होने की भी संभावनाएं हैं.
सात साल पहले हासिल किया लक्ष्य
भारत सरकार ने एथनॉल युक्त तेल को 2030 तक जारी करने का लक्ष्य रखा था. हालांकि, सात साल पहले ही सरकार इसे लॉन्च करने जा रही है. ई 20 फ्यूल गैसोलीन है. इसमें 20 फीसदी तक एथनॉल की मात्रा होती है. इस फ्यूल के जरिए कॉर्बन डाइऑक्सीडाइड, हाइड्रोकार्बन का उत्सर्जन भी कम होता है. ये फ्यूल मकई,गन्ना, जूट,आलू जैसे कृषि उत्पादों के जैवभार से तैयार होता है और इस कारण ये एक जैव ईंधन . इसे पेट्रोल में मिलाने से आक्टेन वैल्यू 2.5 फीसदी तक बढ़ जाती है. वहीं, ऑक्सीजन की क्षमता तीन फीसदी तक बढ़ जाती है. इससे पेट्रोल न केवल 100 फीसदी जलता है, साथ ही धुआं भी कम निकलता है.
अभी इतना है देश का पेट्रोल बिल
भारत अपनी जरूरत का 85 फीसदी तेल फिलहाल आयात करता है. पिछले वित्त वर्ष में देश का तेल आयात बिल लगभग 119 अरब डॉलर पहुंच गया था. तेल आयात बिल को कम करने के लिए सरकार कई योजनाएं बना रही है. साल 2013-14 से लेकर अभी तक एथनॉल का उत्पादन छह गुना तक बढ़ा है. इससे लगभग 54 हजार करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा बची है. सरकार ने साल 2025 तक देश में पूरी तरह E-20 ईंधन की बिक्री का लक्ष्य रखा है. पेट्रोल कंपनी भी 2G और 3G एथनॉल प्लांट्स बना रही है.
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किसानों की बढ़ेगी आय?
एथनॉल युक्त तेल विदेशी मुद्रा बचाने के साथ-साथ किसानों की आय दोगुनी करने में भी एक गेम चेंजर हो सकता है. साल 2014 से 2022 तक किसानों को 49 हजार करोड़ रुपए ट्रांसफर किया गया. वहीं, विदेश से तेल आयात को कम करने के लिए सरकार एक्सप्रेसवे भी बना रही है. इससे शहरों के बीच दूरी घटेगी और पेट्रोल की भी बचत होगी.