टीएमटी सरिया और हॉट रोल्ड कॉयल हुए महंगे, कीमत 5000 रुपये प्रति टन तक बढ़ी, रूस-यूक्रेन संकट का असर
उद्योग से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, पिछले कुछ दिनों में इस्पात की कीमतों में बढ़ोतरी की गई है और आने वाले हफ्तों में रूस-यूक्रेन के बीच सैन्य संघर्ष गहराने के साथ इसकी कीमत में और बढ़ोतरी होने के आसार है.
घरेलू स्टील मैनुफैक्चरर ने हॉट रोल्ड कॉयल (Hot Rolled Coils) और टीएमटी सरिये का दाम (TMT bars price) 5000 रुपये प्रति टन तक बढ़ा दिया है. यूक्रेन संकट के चलते सप्लाई चेन बाधित होने से घरेलू निर्माताओं ने इस्पात के दाम बढ़ाए हैं. पीटीआई की खबर के मुताबिक, उद्योग से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, पिछले कुछ दिनों में इस्पात की कीमतों में बढ़ोतरी की गई है और आने वाले हफ्तों में रूस-यूक्रेन के बीच सैन्य संघर्ष गहराने के साथ इसकी कीमत में और बढ़ोतरी होने के आसार है.
एचआरसी का भाव
खबर के मुताबिक, सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि कीमतों में बदलाव के बाद एचआरसी ((Hot Rolled Coils) का भाव 66,000 रुपये प्रति टन पर पहुंच गया है. इसी तरह टीएमटी की कीमत (TMT bars price hike) लगभग 65,000 रुपये प्रति टन पर आ गई है. एक इस्पात कंपनी के अधिकारी ने बताया कि इस्पात की कीमतों में कुछ हफ्ते पहले की तुलना में लगभग 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. वही कोकिंग कोल की कीमत 500 डॉलर प्रति पर पहुंच गई है.
बता दें, भारत अपनी जरूरत का 85 प्रतिशत कोकिंग कोल आयात के जरिये पूरा करता है. कोकिंग कोल कच्चा माल बनाने वाला एक प्रमुख इस्पात है. यह ज्यादतर ऑस्ट्रेलिया के आयत किया जाता है और कुछ हिस्सा दक्षिण अफ्रीका, कनाडा और अमेरिका से ख़रीदा जाता है.
कच्चे माल की लागत पर होगा असर
इस्पात समेत घरेलू क्षेत्रों पर रूस-यूक्रेन के प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर, टाटा स्टील के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी टीवी नरेंद्रन ने कहा कि रूस और यूक्रेन दोनों ही कोकिंग कोल और प्राकृतिक गैस सहित कच्चे माल के सप्लायर होने के अलावा इस्पात के विनिर्माता और निर्यातक हैं. इन दोनों देशों के बीच जारी सैन्य संकट सप्लाई और मांग की गतिशीलता, कच्चे माल की लागत और समग्र वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा.
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नरेंद्रन वैश्विक उद्योग निकाय वर्ल्ड स्टील एसोसिएशन के सदस्य भी हैं. उन्होंने कहा कि हम लगातार स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं और अपने ग्राहकों और हितधारकों को इसके असर से बचाए रखने के लिए हमारे पास कुछ योजनाएं हैं. इस मामले पर जेएसडब्ल्यू स्टील ने जहां टिपण्णी देने से मना कर दिया, वहीं जेएसपीएल, एएमएनएस इंडिया, सेल और आरआईएनएल को भेजे गए ईमेल का उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.