निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) के सचिव तुहिन कांत पांडे ने गुरुवार को कहा कि सरकार सिर्फ अपना लक्ष्य पूरा करने के लिए विनिवेश पर जोर देने के बजाय केंद्रीय सार्वजनिक उद्यमों (CPSE) का प्रदर्शन बेहतर करने पर ध्यान देगी ताकि संपत्ति के सृजन को अधिकतम किया जा सके. पांडे ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की 77 सूचीबद्ध इकाइयों का बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) पिछले तीन वर्षों में चार गुना बढ़कर लगभग 73 लाख करोड़ रुपए हो गया है. इनमें बैंक, बीमा कंपनियां और केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम (CPSE) शामिल हैं.

LIC का मार्केट कैप 7 लाख करोड़ के पार

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पांडे ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के प्रदर्शन में सुधार हुआ है और बाजारों ने इन इकाइयों का बेहतर मूल्यांकन करना शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की CPSE के कुल बाजार पूंजीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका रही है. बीएसई के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, एलआईसी का बाजार पूंजीकरण 7.2 लाख करोड़ रुपए हो चुका है.

PSU के प्रदर्शन में बड़ा सुधार

DIPAM सचिव ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों का प्रदर्शन उल्लेखनीय रूप से सुधरा है, पूंजीगत व्यय में सुधार हुआ है, प्रबंधन प्रोत्साहन CPSE के प्रदर्शन के अनुरूप हो रहे हैं और इसपर बाजार की नजर होने से CPSE को लेकर धारणा भी बदली है.

बजट में विनिवेश को लेकर लक्ष्य रखना बंद

पांडे ने कहा, ‘‘विनिवेश की रणनीति महज मदद करने वाली है. यह परिसंपत्ति प्रबंधन रणनीति में समाहित है, यह प्रमुख रणनीति नहीं है. यदि आपके पास प्रभावी विनिवेश रणनीति है तो वह राजकोषीय परिसंपत्ति प्रबंधन रणनीति है न कि सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन रणनीति. हम मूल्य-सृजन रणनीति की तरफ झुक रहे हैं और संपत्ति सृजन पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.’’ सरकार ने अब बजट दस्तावेज में विनिवेश प्राप्तियों के लिए कोई स्पष्ट लक्ष्य देना भी बंद कर दिया है. यह अब पूंजी प्राप्तियों के लिए बजट प्रदान करती है, जिसमें विनिवेश और परिसंपत्ति मौद्रीकरण से प्राप्तियां शामिल हैं.

कैपिटल रिसिप्ट से 50 हजार करोड़ की उम्मीद

चालू वित्त वर्ष में सरकार ने पूंजी प्राप्तियों से 50,000 करोड़ रुपए का बजट रखा है, जो पिछले वित्त वर्ष में 30,000 करोड़ रुपए था. पांडे ने कहा कि DIPAM एक सुनियोजित विनिवेश रणनीति पर चलेगा. उन्होंने कहा, ‘‘हमें अपने शेयरों पर भरोसा क्यों नहीं करना चाहिए? हम यह नहीं कह सकते कि यह लक्ष्य है, लिहाजा किसी भी स्थिति में शेयर को बेच दें. इस दृष्टिकोण से कोई मदद नहीं मिली है.’’