बजट में कस्टम ड्यूटी में कटौती, MSMEs को सपोर्ट से एक्सपोर्ट को मिलेगा बढ़ावा, 1 अप्रैल को लागू होगी नई क्रेडिट गारंटी स्कीम
Union Budget 2023: आपको बता दें कि वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण ने घोषणा की थी कि एमएसएमई के लिए 9,000 करोड़ रुपये के आउटले के साथ 1 अप्रैल को संशोधित क्रेडिट गारंटी स्कीम पेश की जाएगी.
Union Budget 2023: संसद में बुधवार को पेश आम बजट (Budget 2023) में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) और एक्सपोर्टर्स को समर्थन देने के लिए घोषित क्रेटिड गारंटी योजना (Credit Guarantee Scheme) समेत कई अन्य योजनाओं से देश के निर्यात (Export) को बढ़ाने में मदद मिलेगी. आपको बता दें कि वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण ने घोषणा की थी कि एमएसएमई के लिए 9,000 करोड़ रुपये के आउटले के साथ 1 अप्रैल को संशोधित क्रेडिट गारंटी स्कीम पेश की जाएगी.
एपेरल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (AEPC) के चेयरमैन नरेंद्र कुमार गोयनका ने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर, निवेश, ग्रीन ग्रोथ, युवा शक्ति और समावेशी विकास पर जोर से सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था की दिशा में भारत की यात्रा और तेज होगी.
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नई क्रेडिट गारंटी स्कीम से MSMEs को होगा फायदा
उन्होंने कहा, पीएलआई योजना (PLI Scheme) के दायरे में और क्षेत्रों को लाने और एमएसएमई सेक्टर को समर्थन देने से देश में निवेश और निर्यात को बढ़ावा मिलेगा. नए सिरे से शुरू की गई क्रेडिट गारंटी स्कीम छोटे और मध्यम उद्यमों के दबाव को निश्चित तौर पर कम करेगी.
कस्टम ड्यूटी घटाने से एक्सपोर्ट को मिलेगा बढ़ावा
निर्यातकों के शीर्ष संगठन फियो (FIEO) के अध्यक्ष ए शक्तिवेल ने कहा कि बजट में कस्टम ड्यूटी में कई बदलाव किए गए हैं जिससे विनिर्माण और निर्यात में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा कि डिनैचुरेटेड इथाइल अल्कोहल और क्रूड ग्लिसरीन – पर कस्टम ड्यूटी में छूट से केमिकल सेक्टर को लाभ मिलेगा. वहीं झींगे के आहार (shrimp feed) की कच्ची सामग्री पर शुल्क घटाने से मरीन एक्सपोर्ट और प्रयोगशाला में हीरे के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदमों से रत्नों और आभूषणों के निर्यात में बढ़ोतरी होगी.
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वहीं CII की इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट पर राष्ट्रीय समिति के चेयरमैन संजय बुधिया ने कहा कि चुनिंदा क्षेत्रों में सीमा-शुल्क घटाने से ग्लोबल वैल्यू चेन (GVC) में भारत की भागीदारी बेहतर होगी.
ICICI Lombard के MD और CEO भार्गव दासगुप्ता ने कहा, ईज ऑफ डूइंग यानी व्यापार सुगमता से जुड़ी बेहतर नीतियों और रेगुलेशन के चलते अत्यधिक रेगुलेटेड वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में विकास को बढ़ावा मिलेगा. सामान्य बीमा जैसी श्रेणी की बात करें तो ये व्यापक आर्थिक संकेतक देश में बीमा की पैठ के अंतर को पाटने के लिए बहुत आवश्यक बल प्रदान करेंगे.
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(भाषा इनपुट के साथ)