चीन में सांस संबंधी महामारी फैलने के बीच भारत अपनी सप्लाई चेन को बढ़ाकर और स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे में निवेश कर खुद को वैश्विक विनिर्माण केंद्र के तौर पर स्थापित कर सकता है. एक रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया है. ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत मोबाइल फोन और लैपटॉप जैसे क्षेत्रों में अपने कार्यबल और विनिर्माण क्षमता का लाभ उठा सकता है.

चीन से COVID-19, H7N9 और बर्ड फ्लू जैसी बीमारियां  

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ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव  की रिपोर्ट के अनुसार,चीन में मानव-पशु संपर्क के कारण कई संक्रमण फैले हैं. इनमें 2019 में कोविड-19, 2013 में एच7एन9 बर्ड फ्लू, 2014 में एच5एन6 बर्ड फ्लू और 2021 में एच10एन3 बर्ड फ्लू शामिल हैं. हालांकि, इन संक्रमणें के अलग-अलग प्रभाव थे, लेकिन कोविड-19 विशेष रूप से एक वैश्विक महामारी में बदल गया. ये महामारियां, विशेष रूप से कोविड-19 ने वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं और विनिर्माण के लिए चीन पर निर्भरता के फिर से मूल्यांकन को प्रेरित किया है.

सरकार बढ़ाए सप्लाई चेन, बुनियादी ढांचे में करे निवेश

स्टडी में आगे कहा गया है कि कंपनियां जोखिमों को कम करने के लिए सप्लाई सोर्स में विविधता लाने के विकल्पों पर विचार कर रहे हैं. जीटीआरआई के सह-संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, “भारत अपनी सप्लाई चेन क्षमताओं को बढ़ाकर और अस्पतालों के बुनियादी ढांचे में निवेश करके लाभ उठाने की स्थिति में है.” रिपोर्ट में कहा गया है कि इसी साल मध्य अक्टूबर से चीन के उत्तरी भाग में बच्चों में श्वसन संबंधी बीमारी बढ़ रही है, जो कोविड-19 प्रतिबंध हटने और ठंड के मौसम की शुरुआत से जुड़ी है. 

चीन करता है 90 फीसदी लैपटॉप की आपूर्ति, भारत के कदमों का करना चाहिए स्वागत

रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन 90 प्रतिशत से अधिक लैपटॉप की आपूर्ति करता है और अधिकतर उकपरणों का उत्पादन घर में ही करता है. यही बात वॉशिंग मशीन, सोलर पीवी सेल और इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बैटरी पर भी लागू होती है. इसमें कहा गया, “किसी भी कारण से सप्लाई चेन प्रभावित होती है तो पूरी दुनिया प्रभावित होगी. कोविड ने दवाई के मामले में यह बता दिया था. इस मामले में, मोबाइल फोन और लैपटॉप की दुनियाभर में आपूर्ति के लिए इनके स्थानीय विनिर्माण के भारत के कदमों का स्वागत किया जाना चाहिए.”